'बिहार का नाम सुनकर पता नहीं क्यों थर्राते हैं लोग', विनोद राठौड़ ने बताया कि अब गाना-बजाने का दिल क्यों नहीं करता
Vinod Rathore पार्श्व गायक विनोद राठौड़ ने कहा कि बिहार अच्छा लगता है। बिहार का नाम सुनकर लोग पता नहीं क्यों थोड़े से थर्राते हैं? गायक ने बताया कि उनका पसंदीदा शहर पटना है। विनोद राठौड़ का मानना है कि पहले गाने बहुत अच्छे बनते थे। आजकल फिल्में तो चल रही है लेकिन गानों की बहुत कमी है। कहा कि बहुत कम फिल्में भी करता हूं।
जागरण संवाददाता, जमुई। पार्श्व गायक विनोद राठौड़ शुक्रवार को गिद्धौर महोत्सव में भाग लेने जमुई पहुंचे थे। गिद्धौर महोत्सव में विनोद राठौड़ ने अपनी गीतों से समा बांध दिया। देर रात गिद्धौर महोत्सव में दर्शक विनोद राठौड़ के गीतों पर लुफ्त उठाते रहे।
एक दौर वो भी था जब विनोद राठौड़ की आवाज़ के लिए फिल्म अभिनेता आपस में लड़ जाया करते थे। उनका गाना फिल्म से हटाने पर बवाल हो जाता था। हालांकि, अपने कैरियर में एक्टर जैसी स्टारडम देखने वाले विनोद राठौड़ इन दिनों बॉलीवुड में गुमनाम हो चुके हैं।
विनोद राठौड़ से बातचीत
उसी गुमनाम विनोद राठौड़ से शुक्रवार की देर दैनिक जागरण ने बात की। साल 1992 में दिवाना फिल्म का गाना मेरा नसीब है.. जो मेरे यारों ने.. हंस के.. प्यार से.. बेखूदी में.. दिवाना.. मेरा नाम रख दिया.. दिवाना..दिवाना... से चर्चा में आए थे पार्श्व गायक विनोद राठौड़।
1990 दशक के चर्चित गायक थे विनोद राठौड़
विनोद राठौड़ का मानना है कि पहले गाने बहुत अच्छे बनते थे। स्टोरी बहुत अच्छी बनती थी। फिल्में चलती थी, लेकिन आजकल के दौर में फिल्में तो चल रही है लेकिन गानों की बहुत कमी है। उन्होंने कहा कि कोई गाना ऐसा नहीं है जिसे श्रोताओं ने पिछले 15-20 सालों में गुनगुनाया या फिर जो आपको दिल को छू लिया हो।
उन्होंने कहा कि इसकी वजह है कि गानों के शब्द पहले की तुलना में हल्के हुए हैं और दौर बदल गया है। रैप का जमाना है, रैप का सिस्टम चालू हुआ है जिससे गाना—बजाना पीछे हुआ है और स्टाइल चेंज हुआ है। उन्होंने कहा कि आने वाले साल डेढ़ साल में मेलोडि आएगा तो अच्छे गीत बनेंगे तो विनोद राठौड़ फिर से गाना शुरु करेगा।
'दिल नहीं करता गाना-बजाने का'
विनोद राठौड़ ने कहा कि पहले से कम काम करता हूं। बहुत कम फिल्में भी करता हूं। उन्होंने कहा कि कई संगीत निदेशक ऐसे थे जिनके साथ काम करने में अच्छा लगता था, लेकिन अब वो इस दुनिया में नहीं है जिससे कुछ झटके लगे इसलिए दिल नहीं करता गाना-बजाना का।
ऐसी दिवानगी गाना जब रिकॉर्ड हुआ...
एक गीत को लेकर ऋषि कपूर और शाहरुख खान के बीच विवाद को लेकर विनोद राठौड़ ने कहा कि ये गूगल और वॉट्सएप की बात है छोटी मोटी बात है जिसे तूल दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसी दिवानगी गाना जब रिकॉर्ड हुआ था उस वक्त वो ऋषि कपूर के लिए गाना गाने वाले थे।
इससे पहले चांदनी में ऋषि कपूर के लिए गाना गा चुके थे, लेकिन फिल्म की स्टोरी ऐसी बनती गई, जिससे शबनम कपूर जो फिल्म की प्रोड्यूसर थी उन्होंने ये निर्णय लिया कि कुमार सानू ऋषि कपूर के लिए और विनोद राठौड़ शाहरुख खान के लिए गाएंगे।
बिहार के बारे में क्या बोले विनोद राठौड़
बिहार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बिहार अच्छा लगता है। लोग पता नहीं क्यों थोड़े से थर्राते हैं बिहार का नाम सुनकर। उन्होंने कहा कि उनके लिए पसंदीदा शहर है पटना।
उन्होंने कहा कि भोजपुरी सिनेमा बहुत अच्छा है, बहुत अच्छी-अच्छी फिल्में बनती थी। पिछले चार-पांच साल से भोजपुरी में बहुत कम गाने गाए हैं, लेकिन जब भी गाता हूं तो बहुत मजा आता है। बिहार के श्रोताओं को भोजपुरी गाना बहत पसंद है।
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