कैमूर के इस शहर में होली को लेकर सजने लगी हैं मिलावटी मिठाइयों की दुकानें, कानून का नहीं खौफ; धड़ल्ले से हो रहा कारोबार
बिहार के कैमूर जिले में स्थित मोहनियां में होली को लेकर खाने-पीने की दुकानें सजने लगी हैं। पर्व त्योहार के मौके पर मोहनियां में अस्थायी मिठाई की दुकानें लगती हैं जहां मिलावटी मिठाइयां बिकती हैं। यहां धड़ल्ले से मिलावटी खाने-पीने की चीजों का कारोबार होता है। जिला प्रशासन की भी इस ओर नजर नहीं जाती है। इनके सेवन से लोगों की सेहत पर गलत असर पड़ता है।
संवाद सहयोगी, मोहनियां। इस वर्ष 24 मार्च को होलिका दहन होगी। 25 मार्च को रंगों का त्योहार होली मनाया जाएगा। इसको लेकर मोहनियां में दुकानें सजने लगी हैं। मिठाई की दुकानों पर मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री आम बात है, जिसे खाने से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लेकिन दुकानदार मुनाफा के चक्कर में ग्राहकों की आंख में धूल झोंकते हैं।
अधिकतर दुकानों पर बिकती हैं मिलावटी मिठाइयां
पर्व त्योहार के मौके पर मोहनियां में अस्थायी मिठाई की दुकानें लगती हैं, जहां मिलावटी मिठाइयां बिकती हैं।दुकानदार धड़ल्ले से यह कारोबार करते हैं। इन्हें कानून का भय नहीं है। अनुमंडल मुख्यालय में मिठाई की कई दुकानें हैं, लेकिन कुछ दुकानों पर ही शुद्ध मिठाइयां मिलेंगी।
अधिकतर दुकानों पर मिलावटी मिठाइयां बिकती हैं। जिस पर प्रशासन की नजर नहीं जाती। सरकारी तौर पर अनुमंडल स्तर पर खाद्य निरीक्षकों को तैनाती होनी चाहिए। लेकिन अधिकारियों की कमी के कारण जिला स्तर पर भी खाद्य निरीक्षक नहीं हैं। एक-एक खाद्य निरीक्षकों के जिम्मे कई जिले का प्रभार है। ऐसे में क्या जांच होगी इसका सहज अंदाज लगाया जा सकता है।
दिन भर चाट-पकौड़ों पर पड़ती है धूल
मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वालों को चिह्नित कर कार्रवाई करने की जवाबदेही इनकी है। लेकिन अधिकारी शायद ही किसी दुकान की जांच कर पाते हैं। जिसका लाभ दुकानदार उठाते हैं। आम आवाम को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।मिलावटी खाद्य पदार्थों को खाने पर लोग बीमार पड़ते हैं। तब पता चलता है कि मिलावटी खाद्य पदार्थ का सेवन ही इसका कारण है। चौक चौराहे पर फुटपाथ पर चाट पकौड़े की कई दुकानें हैं। जिस पर दिन भर उड़ने वाली धूल पड़ती है। ऐसे पदार्थ को खाने पर स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना ही है। इस पर ग्राहकों का भी ध्यान नहीं है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।