कैमूर जिले के भगवानपुर का रामजानकी मंदिर 143 साल पुराना है। सुबह शाम यहां विधि विधान से पूजा अर्चना व आरती होती है। क्षेत्र के लोगों की इस मंदिर के प्रति विशेष आस्था है। समय-समय पर यहां हरिकीर्तन व अन्य तरह के पूजा अर्चना से जुड़े कार्यक्रम होते रहते हैं। मंदिर का निर्माण कायस्थ परिवार के लोगों ने कराया था।
संवाद सूत्र, भगवानपुर।
बिहार के कैमूर जिले में भगवान प्रखंड मुख्यालय में भभुआ अधौरा सड़क के पूरब दिशा में स्थित श्री रामजानकी मंदिर
143 वर्ष पुराना है। यहां पूजा अर्चना करने के लिए प्रतिदिन लोग आते हैं। सुबह शाम यहां विधि विधान से पूजा अर्चना व आरती होती है। क्षेत्र के लोगों की इस मंदिर के प्रति विशेष आस्था है।
समय-समय पर यहां हरिकीर्तन व अन्य तरह के पूजा अर्चना से जुड़े कार्यक्रम होते रहते हैं। जिसमें क्षेत्र के लोगों का भी सहयोग रहता है।
मंदिर का इतिहास
मंदिर का निर्माण कायस्थ परिवार के लोगों ने कराया था। इस मंदिर को लोग दरोगा जी के मंदिर के नाम से भी जानते हैं।
बताया जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में अंग्रेज के जमाने में इसी परिवार के एक व्यक्ति दरोगा के पद पर कार्यरत थे। जिन्हें एक ऐसे मुकदमे में कार्यवाही की जिम्मेदारी मिली थी जिसमें दोषी करार दिए गए व्यक्ति ने आर्थिक जुर्माना में मंदिर निर्माण के लिए राशि दी थी।
इसीलिए इस मंदिर को आज भी लोग दरोगा जी के मंदिर के नाम से जानते हैं। इस मंदिर का निर्माण सन 1850 में बिहार के मुजफ्फरपुर से भगवानपुर में आए स्व. लाल लक्ष्मी नारायण के परिवार के लोगों द्वारा कराया गया था।
इसमें उनके पुत्र स्व. बलदेवनारायण, स्व. कुलदीप नारायण, स्व. सुबोध नारायण स्व. लाल रघुनाथ लाल आदि लोगों के द्वारा श्री राम जानकी मंदिर में मूर्ति की स्थापना कराई गई। मंदिर में भगवान शंकर, गणेश, माता पार्वती, विष्णु भगवान, सूर्य देव नंदी कार्तिकेय आदि देवी-देवताओं की मूर्ति की स्थापना की गई थी।
मंदिर की विशेषता
मंदिर में कायस्थ परिवार के द्वारा प्रतिदिन दिन में दो बार आरती पूजन व राज भोग लगाया जाता है। विशेष अवसर पर मंदिर में भजन कीर्तन आदि का कार्य होता है।
श्री राम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण के लिए जब भूमि पूजन किया गया था उसी समय व्यवस्थापक अशोक कुमार वर्मा ने संकल्प लिया था कि प्रत्येक वर्ष पांच अगस्त को राम जानकी मंदिर में अखंड रामचरितमानस का पाठ किया जाएगा।
उसी समय से लगातार उनके द्वारा अखंड रामचरितमानस पाठ का आयोजन कराया जा रहा है। मंदिर के देखरेख कर रहे मुकुंद वर्मा आदि कायस्थ परिवार के लोग शामिल हैं।
कहते हैं पुजारी
मंदिर के पुजारी केसरी पांडेय ने कहा कि इस मंदिर में देवताओं का समूह वास करता है। यहां आकर दर्शन पूजन करने वाले भक्तों की मनोकामना बहुत जल्द पूरी होती है। पुजारी के द्वारा यह भी कहा जाता है कि यहां पूजन करने से एक अजीब सी शांति मिलती है। जो कोई भी भक्त पूजा कर यह अनुभव प्राप्त कर सकता है।
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