Papaya Farming : पपीता की खेती से चमक जाएगी किसानों की किस्मत, इस तरीके से चंद दिनों में हो जाएंगे मालामाल
अब बिहार में किसानों की आमदनी बढ़ जाएगी। पपीता की खेती को बढ़ावा देने पर सरकार गंभीर है। कृषि विभाग उद्यान निदेशालय ने कैमूर जिले में इसे बढ़ावा देने को योजना संचालित किया है। मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत पपीते की खेती से किसानों की आमदनी बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन करना होगा।
जागरण संवाददाता, भभुआ। पपीता की खेती को बढ़ावा देने पर सरकार गंभीर है। कृषि विभाग उद्यान निदेशालय ने कैमूर जिले में इसे बढ़ावा देने को योजना संचालित किया है। मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत पपीते की खेती से किसानों की आमदनी बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस योजना के तहत किसान अनुदानित दर पर पौधा ले सकेंगे और इसकी खेती कर अच्छी आमदनी कर सकेंगे। उद्यान विभाग ने ऐसी प्रजाति तैयार की है, जिसमें एक पेड़ में सौ किलो तक उत्पादन हो सकेगा। योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करना होगा। जिसके लिए जमीन का रसीद किसान पंजीयन और एक फोटो देना है।
बाजार में प्रति पौधा 60 से 70 रुपये में मिलेगा
इस संबंध में प्रखंड उद्यान पदाधिकारी सूरज कुमार पांडेय ने कहा कि किसानों को रेड लेडी प्रभेद का पौधा साढ़े छह रुपये प्रति पौधे मिलेगा। दूसरे साल साढ़े चार रुपये वापस मिल जाएगा। इसके लिए पौधे बचाकर रखना जरूरी होगा। बाजार में प्रति पौधा 60 से 70 रुपये में मिलेगा।एक किसान को कम से कम 250 और अधिकतम 10 हजार पौधे मिलेंगे। पौधे लगाने के लिए किसान खेतों की जोताई करेंगे। इसके बाद दो-दो मीटर की लाइन और एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी दो मीटर रखेंगे। मेड बनाकर एक-एक फिट गड्ढा खोदकर उर्वरक देकर पौधे लगाकर सिंचाई कर दी जाती है।
इसके लगाने के छह महीने बाद फल-फूल आने लगते हैं। इस तरह एक एकड़ में एक हजार पौधे लग जाते हैं। रेड लेडी प्रजाति के पौधे की खासियत है कि सभी पेड़ में फल लगते हैं। फल काफी संख्या में होते हैं। इसमें आम के साथ पपीते का स्वाद होता है। पकने के बाद दस से 12 दिनों तक खराब नहीं होता है।
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