Bihar Land Survey: 'वंशावली' में किन बातों का जिक्र जरूरी? सामने आई नई जानकारी; जमीन मालिक को करना होगा ये भी काम
Bihar Land Survey बिहार में जमीन सर्वेक्षण का काम तेजी से चल रहा है। लोगों के मन में इस वक्त कागजी प्रक्रिया को लेकर कई तरह के सवाल चल रहे हैं। इस बीच हम सर्वे से जुड़ी नई जानकारी आपके सामने लेकर आए हैं। दरअसल हम यह बताने जा रहे हैं कि जिनके नाम पर जमीन का खाता-खेसरा नहीं है उन्हें कौन से कागजात दिखाने होंगे।
जागरण संवाददाता, भभुआ। भभुआ जिले में भूमि सर्वेक्षण को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब रैयतों को दस्तावेज जमा करने का समय आ गया है। इसके लिए रैयत दस्तावेज निकालने अभिलेखागार में पहुंच रहे हैं।
बता दें कि भूमि सर्वेक्षण को लेकर जिले के दस प्रखंडों के अंचल कार्यालय में कार्यालय खुल गया है। जिसका नाम आधुनिक अंचल अभिलेखागार रखा गया है। जबकि दुर्गावती प्रखंड के सूचना प्रोद्यौगिकी कार्यालय में भूमि सर्वेक्षण के लिए कार्यालय खोला गया है।
भूमि सर्वेक्षण को लेकर अब तक ऊहापोह में रहे रैयतों को अब प्रक्रिया स्पष्ट हो रही है। हालांकि, भूमि सर्वेक्षण के लिए लगाए गए पदाधिकारी व कर्मी रैयतों को सभी तरह की जानकारी दे रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार, भूमि सर्वेक्षण में रैयतों को भूमि स्वामित्व साबित करने के लिए प्रपत्र दो भरकर जमा करना होगा।
प्रपत्र दो में रैयतों को खतियान विवरणी जिसमें खाता व खेसरा नंबर रकबा एवं चौहद्दी अंकित होगा। जबकि प्रपत्र-3 (1) में जिनके नाम से खाता नहीं होगा यानी जिन रैयतों का भू स्वामित्व पिता या दादा या पैतृक है उन रैयतों को वंशावली देना अनिवार्य है।
वंशावली में बहन व पुत्री का नाम दर्ज करना अनिवार्य
वंशावली में बहन व पुत्री का नाम दर्ज करना अनिवार्य है। रैयतों को प्रपत्र 2 में अपनी भूमि से संबंधित 11 कालम में स्वघोषणा देनी है। साथ ही इसकी पुष्टि के लिए जमीन के दस्तावेजों की स्व अभिप्रमाणित छाया प्रति जमा की जानी है। प्रपत्र 3(1) में वंशावली जमा की जानी है।
रैयतों द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों का सरकार के पास मौजूद भूमि दस्तावेजों से मिलान किया जाएगा। भूमि सर्वेक्षण के दौरान किस्तवार के वक्त रैयत को अपने भूखंड पर उपस्थित रहना होगा।
सरकार का लक्ष्य सालभर में विशेष भूमि सर्वेक्षण को पूरा कर लेने का है। दस्तावेज ऑनलाइन व ऑनलाइन दोनों तरीकों से जमा किए जा सकते हैं।
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