Bihar News: पराली जलाने वाले किसानों की खैर नहीं! कृषि विभाग ने 3 पर दर्ज की FIR; अब होगी आगे की कार्रवाई
खेतों में फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई है और ऐसे किसानों की पहचान कर कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। बता दें कि कृषि विभाग के मुताबिक कैमूर जिले में तीन किसानों पर प्राथमिकी कराई गई है। वहीं नालन्दा जिले के बेन गांव में पराली जलाने को लेकर किसानों पर 50 हजार का जुर्माना लगा है।
जागरण टीम, भभुआ/बेन। खेतों में फसल अवशेष जलाने वाले किसानों की पहचान कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में तीन किसानों पर प्राथमिकी कराई गई है। साथ ही फसल अवशेष जलाने वाले किसानों की पहचान सेटेलाइट के माध्यम से की जा रही है।
जिला कृषि पदाधिकारी रेवती रमण ने बताया कि जिले के किसानों को खेतों में फसल अवशेष नहीं जलाने के बारे में जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में किसानों के द्वारा फसल अवशेष जलाने वाले स्थानों की भी जांच की जा रही है।
जांच के लिए पदाधिकारियों की टीम गठित
जांच के लिए विभाग के द्वारा प्रखंड स्तर पदाधिकारियों की टीम का गठन किया गया है। टीम के पदाधिकारी स्थलीय निरीक्ष्रण कर रहे हैं। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिले में फसल अवशेष जलाने के मामले में तीन लोगों पर प्राथमिकी कराई गई है।अन्य फसल अवशेष जलाने वालों की सेटेलाइट से पहचान कर कार्रवाई की जाएगी। पहचान किए गए किसानों को सरकार की संचालित कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से तीन वर्ष के लिए वंचित होना होगा। चिह्नित किसानों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 133 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
आग लगने से खेतों की जमीन का भारी नुकसान हुआ
मिली जानकारी के अनुसार बीते दिनों भभुआ प्रखंड के सिकठी गांव में फसल में आग लगने की सूचना मिलने पर गांव पहुंच कर आग को बुझाने के लिए डीएओ ने सहायता की। उनके साथ सहायक निदेशक शष्य शिवाजी कुमार रहे। फसल अवशेष को जलाने से हवा के साथ ही खेतों की भूमि को भी भारी नुकसान होता है।कृषि के जानकारों की माने तो एक टन पराली जलाने पर 60 किलो कार्बन मोनाऑक्साइड, 1460 किलो कार्बन डाइऑक्साइड, दो किलो सल्फर डाइऑक्साइड गैस हवा को प्रदूषित करने का काम करती है। भूमि की उर्वरा शक्ति के नष्ट होने के साथ ही विभिन्न प्रकार के कीट भी मर जाते हैं।
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