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Fish Farming: मत्स्य पालकों की गांवों में ही बिक जाएंगी मछलियां, पीएम मत्स्य संपदा योजना के शुरू की गई पहल

PM Matsya Sampada Yojana मत्स्यपालकों को अब मछली बेचने के लिए बाजार का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। मत्स्य पालक अब गांवों में मछलियां बेंच सकेंगे। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत यह पहल शुरू की गई है। पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत गांवों में जिंदा मछली विक्रय केंद्र का निर्माण किया जा रहा है। एक इकाई के निर्माण पर बीस लाख रुपये खर्च किए जा रहे।

By Durgesh Srivastva (Bhagwanpur) Edited By: Mohit Tripathi Updated: Mon, 29 Jul 2024 03:26 PM (IST)
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गांवों में जिंदा मछली विक्रय केंद्र का निर्माण किया जा रहा।
जागरण संवाददाता, भभुआ। PM Matsya Sampada Yojana मत्स्यपालकों को रोजगारपरक बनाने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से पहल की शुरू की गई है। मत्स्यपालकों काे मछली की बिक्री करने के लिए शहर के बाजार का चक्कर नहीं लगाने होंगे। अब मत्स्यपालक गांव में ही मछली की बिक्री कर सकेंगे।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से अब गांवों में जिंदा मछली विक्रय केंद्र का निर्माण किया जा रहा है। कैमूर जिले के भभुआ प्रखंड क्षेत्र के डारीडिह गांव में विक्रय केंद्र का निर्माण कार्य शुरू है। इस इकाई की लाभुक महिला है।

मत्स्य पालकों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं

कैमूर जिला मत्स्य पदाधिकारी भारतेंदु जायसवाल ने बताया कि मत्स्य पालकों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि अब जिले में जिंदा मछली विक्रय करने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से विक्रय केंद्र का निर्माण कराया जा रहा है।

एक इकाई के निर्माण पर खर्च किए जा रहे बीस लाख रुपये खर्च

उन्होंने कहा कि एक इकाई के निर्माण पर बीस लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। महिला व एससी, एसटी के लाभुकों को 60 प्रतिशत अनुदान देय है, जबकि सामान्य वर्ग के लाभुकों को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। योजना का लाभ पाने के लिए लाभुकों को विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

योजना के पात्र लाभुक

जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि इस योजना के लिए मछुआरे, मत्स्य पालक, मतस्य विक्रेता, मत्स्य मजदूर, मत्स्य विकास अभिकरण स्वयं सहायता समूह, संयुक्त दैयता समूह, मत्स्य जीवी सहयोग समिति, मत्स्य फेडरेशन, मत्स्य उद्यमी कंपनियां, मत्स्य उत्पादक समूह, संस्थान अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला, दिव्यांगजन योजना के पात्र लाभुक हैं।

उन्होंने बताया कि नीली क्रांति को लाने और मछुआरों की आय को दोगुनी करने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को प्रारंभ किया है।

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