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Bihar: इस गांव में बिना विद्यालय भवन-शिक्षक के पढ़ रहे दर्जनों छात्र, संस्‍कृत को लेकर यहां अलग है रुझान

कैमूर यह सुनने में आपको अजीब लगेगा कि विद्यालय भवन नहीं है और ना ही यहां पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक है लेकिन फिर भी यहां पर बच्चे पढ़ रहे हैं। इसे सुनकर हैरान होने की जरूरत नहीं है बल्कि यह सच है। हम वहां की बात कर रहे हैं जहां संस्कार युक्त शिक्षा का प्रयोगशाला माना गया है। गांव सदुल्लहपुर में एक विद्यालय में बच्चे वैदिक मंत्रोच्चार करते हैं।

By Pramod Tiwari (Ramgarh)Edited By: Prateek JainUpdated: Sat, 26 Aug 2023 06:02 PM (IST)
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सदुल्लहपुर मध्य विद्यालय को अपग्रेड कर दिया गया है, लेकिन इसका भवन नहीं है।
संवाद सूत्र, रामगढ़ (कैमूर): यह सुनने में आपको अजीब लगेगा कि विद्यालय भवन नहीं है और ना ही यहां पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक है, लेकिन फिर भी यहां पर बच्चे पढ़ रहे हैं।

इसे सुनकर हैरान होने की जरूरत नहीं है, बल्कि यह सच है। हम वहां की बात कर रहे हैं, जहां संस्कार युक्त शिक्षा का प्रयोगशाला माना गया है। वह है गांव सदुल्लहपुर, जहां के विद्यालय में बच्चे वैदिक मंत्रोच्चार करते हैं। आने वाले अतिथियों का संस्कृत के श्लोक से अभिवादन करते हैं। वहां के प्लस टू विद्यालय का यह हाल है।

नहीं हुई शिक्षक की प्रतिनियुक्ति

रामगढ़ से 12 किलोमीटर पूरब दिशा में अवस्थित सदुल्लहपुर मध्य विद्यालय को अपग्रेड कर दिया गया है। ऐसे रामगढ़ में कुल छह विद्यालय हैं, जिनको टेन प्लस टू विद्यालय के रुप में अपग्रेड किया गया है। अन्य जगहों पर विद्यालय में कमरा है।

शिक्षक की प्रतिनियुक्ति नहीं है, लेकिन सदुल्लहपुर विद्यालय में कोई सरंचना ही इसके लिए नहीं है। फिर भी 44 बच्चे इंटर में पढ़ रहे हैं, जबकि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के सख्त निर्देश के बाद विद्यालयों की स्थिति सुधारने व छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत सुनिश्चित करने का प्रयास चल रहा है।

इसके लिए विद्यालयों का अधिकारियों द्वारा लगातार निरीक्षण भी किया जा रहा है। फिर भी सदुल्लहपुर के इंटर स्तरीय स्कूल से वे अनजान हैं। तभी तो नामांकित इन छात्रों की खोज कोई नहीं कर रहा।

अब सवाल यह उठ रहा है कि यहां के छात्र केवल नामांकन व परीक्षा फार्म भरने मात्र से उत्तीर्ण हो जाएंगे। बता दें कि वर्ष 2019 में रामगढ़ प्रखंड में छह विद्यालय मध्य से प्लस टू में अपग्रेड कर दिए गए, जिनको वर्ष 2023 में कोड भी शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया।

उसी कोड के आधार पर ऑनलाइन इंटर में नामांकन भी हुआ। इंटर के बच्चों का नामांकन मध्य विद्यालय के एचएम द्वारा किया गया।

छह विद्यालयों के नामांकित बच्चों के समक्ष यही समस्या

प्रखंड के छह प्लस टू अपग्रेड विद्यालयों में कमोवेश यही स्थिति है, जहां कमरों व शिक्षक के अभाव में नामांकित इंटर के छात्रों की उपस्थिति तक नहीं बन पाती। बगाढ़ी, सहुका, सिझुआं सहित छह विद्यालय हैं, जिनको 2019 में शिक्षा विभाग द्वारा अपग्रेड किया गया है। यहां संसाधन के नाम पर भी कुछ नहीं है।

क्या कहते हैं एचएम?

यहां इंटर के नामांकित छात्रों को बैठने के लिए कोई कमरा नहीं है और न ही शिक्षक हैं। नामांकन केवल हुआ है। शिक्षक व कमरा के नहीं रहने से छात्रों की उपस्थिति नहीं बन पाती। - डॉ. रामेश्वर दुबे, एचएम

क्या कहती हैं पदाधिकारी?

विद्यालयों में शिक्षकों की समस्या है। प्लस टू विद्यालय में नामांकित बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। एक दो शिक्षक जिला से आ रहे हैं। कहां कहां केवल नामांकन पर काम चल रहा है। भवन व शिक्षक नहीं है तो रिपोर्ट भेजा जाएगा। - पुष्पा कुमारी, बीईओ

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