Bihar: इस गांव में बिना विद्यालय भवन-शिक्षक के पढ़ रहे दर्जनों छात्र, संस्कृत को लेकर यहां अलग है रुझान
कैमूर यह सुनने में आपको अजीब लगेगा कि विद्यालय भवन नहीं है और ना ही यहां पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक है लेकिन फिर भी यहां पर बच्चे पढ़ रहे हैं। इसे सुनकर हैरान होने की जरूरत नहीं है बल्कि यह सच है। हम वहां की बात कर रहे हैं जहां संस्कार युक्त शिक्षा का प्रयोगशाला माना गया है। गांव सदुल्लहपुर में एक विद्यालय में बच्चे वैदिक मंत्रोच्चार करते हैं।
नहीं हुई शिक्षक की प्रतिनियुक्ति
रामगढ़ से 12 किलोमीटर पूरब दिशा में अवस्थित सदुल्लहपुर मध्य विद्यालय को अपग्रेड कर दिया गया है। ऐसे रामगढ़ में कुल छह विद्यालय हैं, जिनको टेन प्लस टू विद्यालय के रुप में अपग्रेड किया गया है। अन्य जगहों पर विद्यालय में कमरा है।छह विद्यालयों के नामांकित बच्चों के समक्ष यही समस्या
प्रखंड के छह प्लस टू अपग्रेड विद्यालयों में कमोवेश यही स्थिति है, जहां कमरों व शिक्षक के अभाव में नामांकित इंटर के छात्रों की उपस्थिति तक नहीं बन पाती। बगाढ़ी, सहुका, सिझुआं सहित छह विद्यालय हैं, जिनको 2019 में शिक्षा विभाग द्वारा अपग्रेड किया गया है। यहां संसाधन के नाम पर भी कुछ नहीं है।क्या कहते हैं एचएम?
यहां इंटर के नामांकित छात्रों को बैठने के लिए कोई कमरा नहीं है और न ही शिक्षक हैं। नामांकन केवल हुआ है। शिक्षक व कमरा के नहीं रहने से छात्रों की उपस्थिति नहीं बन पाती। - डॉ. रामेश्वर दुबे, एचएम
क्या कहती हैं पदाधिकारी?
विद्यालयों में शिक्षकों की समस्या है। प्लस टू विद्यालय में नामांकित बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। एक दो शिक्षक जिला से आ रहे हैं। कहां कहां केवल नामांकन पर काम चल रहा है। भवन व शिक्षक नहीं है तो रिपोर्ट भेजा जाएगा। - पुष्पा कुमारी, बीईओ