थाने से चंद दूरी पर चल रहे अवैध निजी अस्पताल ने गलत ऑपरेशन से ले ली प्रसूता की जान, बवाल के बाद डॉक्टर फरार
अवैध तरीके से चल रहे निजी अस्पताल ने एक प्रसूता की जान ले ली है। प्रसूता की मौत गलत ऑपरेशन की वजह से हुई है। हालांकि नवजात पूरी तरह से सुरक्षित है। यह मामला बिहार के कैमूर जिले का है। पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर ली है। वहीं इसको लेकर अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
संवाद सूत्र, रामगढ़ (कैमूर) : बिहार के कैमूर जिले के रामगढ़ थाना से दो सौ गज की दूरी पर अवैध निजी अस्पताल में गुरुवार की रात लगभग 11 बजे प्रसव के लिए गलत ऑपरेशन से सिझुआं पंचायत के पैकौली गांव की संजू देवी (22) की मौत हो गई।
इसके बाद लोगों का आक्रोश भड़क गया। बवाल होते देख अस्पताल संचालक व ग्रामीण चिकित्सक भाग खड़े हुए। हालांकि, नवजात जीवित है। सूचना पर जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम सहित स्थानीय पदाधिकारी पुलिस बल के साथ पहुंचे।
अस्पताल के खिलाफ कराई गई दो प्राथमिकी
अस्पताल को सील कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भभुआ भेज दिया गया। साथ ही मरीज के स्वजन को बहलाकर निजी अस्पताल में भर्ती कराने वाली आशा रीमा देवी, अस्पताल संचालक व चिकित्सक ग्रामीण चिकित्सक डा. प्रवेश कुमार उर्फ प्रवेश यादव व उनकी पत्नी सुनीता कुमारी के विरुद्ध दो प्राथमिकी की गई है।
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सिविल सर्जन को भेजा गया पत्र
रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. सुरेन्द्र सिंह ने आशा की बर्खास्तगी के लिए सिविल सर्जन को पत्र भेजा है। पहली प्राथमिकी मृतका के पति टुनटुन राम ने, जबकि दूसरी प्राथमिकी रेफरल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डा. सुरेन्द्र कुमार सिंह ने कराई है।
महिला का यह दूसरा प्रसव था। प्रभारी थानाध्यक्ष अंजना कुमारी ने बताया कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास कर रही है।