राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार: कैमूर के शिक्षक को राष्ट्रपति के हाथों मिला सम्मान, जिले को फिर मिली उपलब्धि
देश की राजधानी दिल्ली में शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हांथों कैमूर के शिक्षक अनिल सिंह को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का सम्मान मिला उन्हें 24वें नंबर पर पुरस्कार दिया गया। यह उपलब्धि हासिल होते ही लोग खुशी के मारे झूम उठे। जिले के रामगढ़ आदर्श बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल सिंह को राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार मिला है।
By Ravindra Nath BajpaiEdited By: Prateek JainUpdated: Tue, 05 Sep 2023 07:20 PM (IST)
संवाद सूत्र, रामगढ़: देश की राजधानी दिल्ली में शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हांथों कैमूर के शिक्षक अनिल सिंह को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का सम्मान मिला, उन्हें 24वें नंबर पर पुरस्कार दिया गया। यह उपलब्धि हासिल होते ही लोग खुशी के मारे झूम उठे।
जिले के रामगढ़ आदर्श बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल सिंह को राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार मिला है। लगातार कैमूर के रामगढ़ की झोली में राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार मिलने से लोगों में खुशी है।
कहावत सच ही है कि अगर व्यक्ति जज्बे के साथ किसी क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का उपयोग करे तो उसे सफलता मिलनी तय है, जिसको कर दिखाया रामगढ़ के शिक्षक अनिल सिंह ने।
पीएम मोदी ने किया शिक्षकों काे संबोधित
इसके पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार की श्रेणी में आने वाले शिक्षकों को संबोधित किया गया। राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से शिक्षक दिवस के मौके पर रुबरु होकर शिक्षक गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए रामगढ़ को दूसरी बार सफलता मिलने से क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। वो भी एक साल के अंतराल के बाद ही दूसरी बड़ी उपलब्धि रामगढ़ को प्राप्त हो रही है।
पिछली बार हरिदास शर्मा को मिला था सम्मान
इससे पहले वर्ष 2021 में यह पुरस्कार डहरक मध्य विद्यालय के एचएम हरिदास शर्मा को प्राप्त हुआ था। दोनों विद्यालय की दूरी एक किलोमीटर के अंतराल पर है। यह ख्याति रामगढ़ के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
इसके पहले अनिल सिंह को वर्ष 2022 में राज्य शिक्षक पुरस्कार का खिताब मिला था। तब वे मामूली सी त्रुटि के चलते राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार पाने से वंचित हो गए थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा कविता के तर्ज पर विद्यालय की बेहतरी के लिए अभियान जारी रखा, जिसका प्रतिफल देखने को मिल रहा है।शिक्षा के क्षेत्र में प्राप्त किए जाने वाले इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए उन्होंने पटना में नेशनल ज्यूरी के सामनेएक माह पूर्व प्रजेंटेशन दी थी। यह प्रेजेंटेशन गूगल मीट के माध्यम से हुई थी।
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