प्रखंड पर्यटन दर्शनीय बिहार : गोगाबील झील है सीमांचल का प्राकृतिक खजाना, प्रवासी पक्षियों का स्वर्ग
Bihar Tourist Places बिहार के कटिहार जिले में गोगाबील झील करीब 300 प्रजाति के पक्षियों के लिए एक सुरम्य वातावरण देने वाली जगह है। यह इनकी आश्रयस्थली है। यहां विदेशों से आने वाले इन पक्षियों को देखने दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। सैलानियों को यहां की प्राकृतिक सुंदरता मोह लेती है। इस झील में विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां पाई जाती हैं।
अमर प्रताप, कटिहार। सीमांचल में कटिहार अनुमंडल के स्थित मनिहारी मनिहारी अमदावाद प्रखंड अंतर्गत जंगला टाल इंग्लिश स्थित गोगाबील झील प्रवासी पक्षियों के लिए एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण पक्षी अभ्यारण्य के रूप में विख्यात है। यह झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
सर्दियों के मौसम में प्रवासी पक्षियों के आश्रय स्थल के रूप में भी जानी जाती है। यह झील पक्षी प्रेमियों, प्रकृतिविदों और पर्यटकों के लिए स्वर्ग समान है।
जहां साइबेरिया समेत अन्य देशों से करीब 300 प्रजाति के प्रवासी पक्षी आते हैं। बता दें कि यह बिहार का 15वां संरक्षित क्षेत्र भी है।
प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता है खास
218 एकड़ भूभाग में फैला गोगाबील झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए जानी जाती है। यह झील हरियाली से घिरी हुई है और विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का घर है।हरे-भरे परिवेश और शांत वातावरण के कारण यह झील सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहां आने वाले पर्यटक झील की प्राकृतिक छटा का आनंद लेते हुए पक्षियों की विविध प्रजातियों को देखने का सुख प्राप्त करते हैं। झील का शांत वातावरण और यहां की जैव विविधता, इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं।
पक्षी विविधता और संरक्षण
गोगाबील झील में पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से कई स्थायी निवास करती हैं, जबकि कई शादियों में यहां प्रवास के लिए आती हैं प्रवासी पक्षियों की उपस्थिति इस झील की सबसे बड़ी विशेषता है।हर साल यूरोप, एशिया और साइबेरिया जैसे दूरस्थ क्षेत्रों से हजारों किलोमीटर की यात्रा कर पक्षी यहां आते हैं। इनमें से कई पक्षी दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियों के होते हैं।
जो इस क्षेत्र की जैव विविधता को समृद्ध बनाते हैं। बिहार सरकार ने इस क्षेत्र को पक्षी संरक्षण क्षेत्र के रूप में घोषित किया है।जिससे यहां की जैव विविधता को संरक्षित किया जा सके और इसे एक सुरक्षित पर्यावरणीय स्थल के रूप में विकसित किया जा सके।यहां संरक्षण कार्य पक्षियों के लिए अनुकूल आवास प्रदान करता है और इस झील को पक्षी विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण अध्ययन क्षेत्र बनाता है।
गोगाबील झील में कलरव करते प्रवासी पक्षी।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां और उनके देश
गोगाबील झील में आने वाले प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां विविध और व्यापक हैं। यहां पर पाए जाने वाले प्रमुख प्रवासी पक्षियों में लार्ज लेग्ड बुजर्ड (रूस और साइबेरिया से), साइबेरियन क्रेन (साइबेरिया से), काले सिर वाला गुल (उत्तरी अमेरिका और यूरोप से), रेडशैंक (यूरोप और एशिया से), और स्पूनबिल (यूरोप से) शामिल हैं। ये सभी पक्षी सर्दियों में इस झील पर आते हैं। जो झील के पर्यावरण को और भी समृद्ध बनाते हैं।सैलानियों के आकर्षण का केंद्र
गोगाबील झील न केवल पक्षियों के लिए एक स्वर्ग है, बल्कि पक्षी प्रेमियों और प्रकृतिविदों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थल है। सर्दियों में जब झील में प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है, तो इसे देखने के लिए देश-विदेश से सैलानी यहां आते हैं। पक्षी दर्शन, फोटोग्राफी और पक्षी अध्ययन जैसे गतिविधियां यहां के प्रमुख आकर्षण हैं। पर्यटक झील की प्राकृतिक सुंदरता और यहां की शांत वातावरण का आनंद लेते हुए पक्षियों के साथ एक अद्वितीय अनुभव का हिस्सा बनते हैं।क्या कहते हैं पर्यावरणविद
पर्यावरणविद डॉ. टीएन तारक ने बताया कि गोगाबील झील न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिकीय धरोहर है।यहां की जैव विविधता विशेषकर प्रवासी पक्षियों की उपस्थिति इसे एक अद्वितीय और आवश्यक संरक्षण क्षेत्र बनती है। इस झील की प्राकृतिक सुंदरता, पक्षी समृद्धि और शांत वातावरण इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करते हैं।सड़क व रेल मार्ग से पहुंच सकते हैं गोगाबील झील
मनिहारी स्थित गोगाबील झील जाने के लिए सड़क व रेल मार्ग के माध्यम से पर्यटक आसानी से पहुंच सकते हैं। बता दे कि कटिहार रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड से मनिहारी स्टेशन व बस स्टैंड की दूरी 26 किलोमीटर है।वहीं मनिहारी स्टेशन व बस स्टैंड से 8.5 किलोमीटर की दूरी पर गोगाबील झील स्थित है। पर्यटक कटिहार स्टेशन से पैसेंजर ट्रेन के माध्यम से मनिहारी पहुंच सकते हैं। वहां से ई- रिक्शा या आटो से गोगाबील झील जा सकते हैं। वहीं सड़क मार्ग से सीधे आटो व बस से मनिहारी उतर कर गोगाबील झील ई- रिक्शा व आटो से पहुंच सकते हैं।यह भी पढ़ेंप्रखंड पर्यटन दर्शनीय बिहार : अमवा मन में समुद्र की तरह वाटर स्पोर्ट्स का रोमांच, झील के किनारे हरियाली भीप्रखंड पर्यटन दर्शनीय बिहार : सरैया मन में देखिए परिंदों की अठखेलियां और प्रकृति की सुंदरता का मनोहारी दृश्य