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बेटियां बोलीं- हमें शिक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा की गारंटी चाहिए

राइट टू एजुकेशन फोरम बिहार के जिला इकाई की ओर से राष्ट्रीय बालिका दिवस व अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर बालिका शिक्षा की स्थिति पर सेमिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 24 Jan 2022 08:04 PM (IST)
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बेटियां बोलीं- हमें शिक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा की गारंटी चाहिए

संवाद सूत्र, डंडखोर, कटिहार : राइट टू एजुकेशन फोरम बिहार के जिला इकाई की ओर से राष्ट्रीय बालिका दिवस व अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर बालिका शिक्षा की स्थिति पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता किशोरी समूह की सदस्य पूजा कुमारी एवं अदिति झा ने संयुक्त रूप से की। जबकि कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व प्रमुख सूरज कुमार साह, मुखिया पार्वती हेंब्रम, पूर्व मुखिया भारती देवी, समाजसेवी कालन्दी देवी, वार्ड सदस्य प्रतिमा देवी, डा. गंगासागर दीनबंधु व सचिन सिंह ने संयुक्त रूप से किया।

बालिका शिक्षा अधिकार अभियान के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों से जुड़ी छात्राओं ने पोस्टकार्ड अभियान चलाकर प्रधानमंत्री से बालिका शिक्षा की बेहतरी के लिए प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया। छात्रा पूजा व अदिति ने कहा कि आने वाले समय में केंद्र सरकार का बजट पेश होने वाला है। ऐसे में बालिका शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए बजट में अधिक राशि का प्रावधान किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पोस्ट कार्ड के माध्यम से प्रधानमंत्री से मांग की गयी है कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत तीन से 18 वर्ष तक के सभी लड़कियों को शामिल किया जाना जरूरी है। विद्यालय एवं आसपास सुरक्षा का बेहतर वातावरण होना चाहिए। जिससे लड़कियां निर्भीक होकर स्कूल आ-जा सकेगी। स्थानीय संस्था लोक स्वराज, गगन तारा फाउंडेशन व समता मानव विकास के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में फोरम के जिला प्रतिनिधि डॉ गंगासागर दीनबंधु ने कहा कि लड़कियों की शिक्षा के अधिकार को 12 वी तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। पूर्व प्रखंड प्रमुख सूरज कुमार साह, मुखिया पार्वती हेम्ब्रम व पूर्व मुखिया भारती देवी ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में कमी, सुरक्षा संबंधी चिताएं, नकारात्मक सामाजिक मापदंड, माता-पिता का लड़कियों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया, माता-पिता की सामाजिक-आर्थिक स्थिति आदि कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं। जो लड़कियों की शिक्षा में बाधा डालती हैं। एक बार स्कूल छोड़ने पर लड़कियों को अक्सर घर के काम में लगा दिया जाता है। उनकी जल्दी शादी कर देने या मजदूरी के काम में लगा दिया जाता है। इस अवसर पर कंचन दास, ललन मंडल, सचिन सिंह, अरविद सिंह, गणेश मंडल, चितरंजन भारती, राजन सोरेन, संजय सिंह सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।

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