जदयू की उम्मीद बरकरार, दावेदारों की लंबी कतार
लीड- पेज दो- फोटो- 09 केएटी- 5 से 8 लगातार ------------------- खास बातें- - कटिहार स
By JagranEdited By: Updated: Thu, 10 Jan 2019 12:56 AM (IST)
लीड- पेज दो-
फोटो- 09 केएटी- 5 से 8 लगातार ------------------- खास बातें-
- कटिहार सीट पार्टी खाते में आने की उम्मीद से बढ़ी है दावेदारों की सक्रियता - मेयर के साथ दो पूर्व मंत्री भी हैं कतार में, लगातार लगा रहे पटना की दौड़
------------------------- कोट- जदयू सदा से अनुशासित पार्टी रही है। सीटों का बंटवारा आलाकमान के स्तर से होना है। कटिहार सीट पार्टी के खाते में आने की स्थिति में जिन्हें भी पार्टी उम्मीदवार बनाएगी, पूरा संगठन उनके पीछे खड़ा रहेगा। पार्टी में इसको लेकर कोई अर्न्तकलह की स्थिति नहीं हैं। संजीव श्रीवास्तव, जिला अध्यक्ष, जदयू। ---------------------- प्रकाश वत्स, जासं, कटिहार: लोकसभा चुनाव को लेकर राजग में सीट शेय¨रग का मामला तो सुलझ गया है, लेकिन कौन सीट किसके खाते में जाएगी, यह अभी भी तय नहीं है। खासकर भाजपा व जदयू में बिहार में 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ने का फार्मूला तय होने से कटिहार सीट को लेकर दोनों ही पार्टियों की उम्मीद बरकरार है। फलाफल दोनों पार्टियों के संभावित दावेदारों की सक्रियता चरम पर है। भाजपा की तरह जदयू में भी दावेदारों की एक लंबी कतार खड़ी है। हर दावेदार पार्टी के खाते में सीट आने की स्थिति में टिकट पाने को आतुर हैं। इसको लेकर आपस में पर्दे के पीछे से दाव-पेंच भी जारी है। पटना की दौड़ भी ऐसे दावेदारों की बढ़ गई है।
बता दें कि गत विस चुनाव में सदर विस क्षेत्र से पार्टी के प्रत्याशी रहे मेयर विजय ¨सह, पूर्व मंत्री सह पार्टी के प्रदेश नेता दुलाल चंद गोस्वामी के साथ-साथ पूर्व मंत्री करुणेश्वर ¨सह पार्टी की ओर से सशक्त दावेदार माने जाते हैं। मेयर विजय ¨सह के साथ दुलालचंद गोस्वामी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी भी माने जाते हैं। दुलालचंद गोस्वामी बलरामपुर विस क्षेत्र से दो बार विधायक रहे हैं। उनकी राजनीति भाजपा से शुरु हुई थी और बलरामपुर विस क्षेत्र से सन 1995 में पहली जीत के साथ वे अचानक सूर्खियों में आए थे। बाद में निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में जीत दर्ज करते हुए जदयू में शामिल हुए थे। इधर लगातार दूसरी बार कटिहार के मेयर बने विजय ¨सह को गत विस चुनाव में सदर विस क्षेत्र से मैदान में उतारा गया था और बेहतर प्रदर्शन करते हुए वे दूसरे स्थान पर रहे थे। सन आफ मल्लाह के नाम से चर्चित मुकेश सहनी के इस परिक्षेत्र में प्रभाव को काटने के लिए पार्टी द्वारा विजय ¨सह को लगातार तवज्जो दिया जाता रहा है। इधर पूर्व मंत्री करुणेश्वर ¨सह की कभी सूबे की राजनीति में खासी धमक रही है। वे भी पार्टी की ओर दावेदार माने जाते हैं। वैसे भाजपा के एक कद्?दावर नेता भी सीट जदयू के खाते में जाने की स्थिति में इसके प्रबल दावेदार माने जाते हैं। बहरहाल सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि कटिहार सीट आखिर किसके कोटे में जाता है। गत लोस चुनाव में जदयू को मिला था एक लाख सात सौ पैंसठ वोट गत लोस चुनाव में भाजपा व जदयू ने यहां अलग-अलग चुनाव लड़ा था। इसमें भाजपा की ओर से पूर्व सांसद निखिल कुमार चौधरी व जदयू की ओर से डा. रामप्रकाश महतो मैदान में थे। गत चुनाव में यहां से एनसीपी के शाह तारिक अनवर लगभग एक लाख 15 हजार मत से विजयी हुए थे। जबकि भाजपा के निखिल चौधरी को तीन लाख 16 हजार पांच सौ बावन मत मिला था। जदयू प्रत्याशी डा. महतो तीसरे स्थान पर रहे थे और उन्हें एक लाख सात सौ पैंसठ मत मिले थे। फिलहाल डा. महतो राजद में हैं।
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