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चूहे भी रेलवे को सलाना लगा रहे लाखों का चूना

कटिहार। कटिहार रेलमंडल को इन दिनों चूहों ने भी बेदम कर रखा है। चूहों की संख्या दि

By JagranEdited By: Updated: Thu, 22 Nov 2018 06:50 PM (IST)
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चूहे भी रेलवे को सलाना लगा रहे लाखों का चूना

कटिहार। कटिहार रेलमंडल को इन दिनों चूहों ने भी बेदम कर रखा है। चूहों की संख्या दिनोंदिन बढ़ने व उसके द्वारा पहुंचाई जा रही क्षति से रेल प्रशासन पूरी तरह त्रस्त है। चूहों की संख्या कम करने यानि इस पर नियंत्रण के लिए भी रेल प्रशासन को हर साल बड़ी राशि खर्च करनी पड़ रही है। इसके अलावा चूहों द्वारा जो क्षति पहुंचाई जाती है, वह अलग।

चूहों के चलते बड़े हादसे की बनी रहती है आशंका

चूहों के चलते रेल प्रशासन की सांसें भी अटकी रहती है। चूहों के करामात से बड़े हादसे की आशंका भी बनी रहती है। बता दें कि चूहे अक्सर ट्रेन की पटरी के बगल में या फिर प्लेटफॉर्म के नीचे बिल बनाकर रहते है। बिल बनाते वक्त चूहे पटरियों के नीचे की मिट्टी को भी हटा देता है। इससे लगातार उन पटरियों पर ट्रेनों की आवाजाही होने से पटरियां धंस जाती हैं या पटरी में दरार आ जाती है। इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। पटरियों में दरार आने से रेल प्रशासन को काफी व्यय भी करना पड़ता है।

रेलवे स्टेशन व परिसर चूहों के लिए है उपयुक्त जगह

जानकारी के अनुसार चूहों को रहने के लिए रेलवे स्टेशन व परिसर बेहतर जगह है। यहां पर चूहे को बच्चे को जन्म देने में भी सुविधा होती है। साथ ही चूहे को भरपूर मात्रा में भोजन भी आसानी से प्राप्त हो जाता है और बिल्ली और कुत्ते भी परेशान नहीं करता है। ऐसी जगह पर रेल यात्रियों द्वारा फेंके गए कचरे को चूहे अपने भोजन के रूप में उपयोग लाते हैं। इससे दिनों दिन इसकी संख्या बढ़ती जाती है।

नियंत्रण में सलाना आठ लाख से अधिक का होता है व्यय

रेल सूत्रों के अनुसार चूहे को नियंत्रण में औसतन कटिहार रेलमंडल को सालाना आठ लाख से अधिक की राशि व्यय करना पड़ रहा है। इसमें चूहे मारने की दवा के साथ रेलकर्मियों की मेहनत रहती है। चूहे की वजह से रेल की पटरी धंसने, पार्सल गोदाम में रखे सामानों को बर्बाद करने, यात्री ट्रेनों में सीट को बर्बाद करने व इलेक्ट्रिक वाय¨रग को काटने की वजह से सालाना रेल प्रशासन को लाखों रुपए का नुकसान अलग से होता है।