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NEET Paper Leak Case: सीबीआई के रडार पर कटिहार का डॉ. शुभम मंडल, 4 महीने से गायब है ट्रेनी चिकित्सक

नीट पेपर लीक मामले (NEET Paper Leak Case) में अब सीबीआई के रडार पर कटिहार में पदस्थापित डॉक्टर शुभम मंडल है। शुभम मंडल ट्रेनी डॉक्टर है और पिछले चार महीने से गायब है। यूपी कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़े मामले में भी एसटीएफ ने डॉ. शुभम मंडल को गिरफ्तार किया था। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. शुभम को सेफ्टी बॉक्स खोलने में महारत हासिल है।

By Neeraj Kumar Edited By: Rajat Mourya Published: Thu, 27 Jun 2024 04:16 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2024 04:16 PM (IST)
सीबीआई के रडार पर कटिहार का डॉ. शुभम मंडल (फाइल फोटो)

नीरज कुमार, कटिहार। NEET Paper Leak Case CBI नीट पेपर लीक मामले में बरारी प्रखंड के सेमापुर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रशिक्षु चिकित्सक के रूप में कार्यरत डॉ. शुभम मंडल भी सीबीआई की रडार पर है। शुभम इसी वर्ष मार्च में यूपी कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसटीएफ के हत्थे चढ़ा था। वह मूल रूप से पटना का रहने वाला बताया जाता है।

इस वर्ष दो मार्च से ही वह ड्यूटी पर नहीं लौटा है। एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही चिकित्सक का कोई अता पता नहीं है। बताया जाता है कि यूपी कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में शुभम की भूमिका रही थी। कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में अहमदाबाद भी गया था।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में डॉ. शुभम से 20 लाख में सौदा किया गया था। नीट पेपर लीक मामले में अब तक हुई कार्रवाई में डॉ. शुभम की संदिग्ध गतिविधि के संबंध में भी सुराग हाथ लगा है। डॉ. शुभम ने वर्ष 2021 में एनएमसीएच से एमबीबीएस किया है।

सरकारी डॉक्टर के रूप में पदस्थापित होने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के किसी स्वास्थ्य केंद्र में दो वर्ष तक सेवा देनी पड़ती है। चिकित्सक का पदस्थापन प्रशिक्षु डॉक्टर के रूप में सेमापुर के अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में किया गया था। बहरहाल सीबीआई जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि डॉ. शुभम की नीट पेपर लीक मामले में क्या भूमिका रही थी।

4 माह से ड्यूटी से गायब, प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड

पिछले चार माह से डॉ. शुभम ड्यूटी से गायब है। इस संबंध में उसने सिविल सर्जन या विभाग को भी किसी तरह की सूचना नहीं दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले चार माह से ड्यूटी से गायब रहने के दौरान पेपर लीक मामले की साजिश रचने व उसको अमलीजामा पहनाने में अपनी भूमिका का निर्वहन किया। हालांकि, एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद डॉ. शुभम को जेल भेजा गया था।

सेफ्टी बॉक्स खोलने में महारत है हासिल

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, डॉ. शुभम को सेफ्टी बॉक्स खोलने में महारत हासिल है। अपने दोस्त बिट्टू से उसने सेफ्टी बॉक्स को बिना छेड़े खोलना सीखा था। सीलबंद कंटेनर में प्रश्नपत्र सात लेयर में बंद होता है। उसको ऐसी महारत हासिल है कि वह उसे भी खोलने के बाद फिर से बंद भी कर देता है।

अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सेमापुर में प्रशिक्षु चिकित्सक के रूप में डॉ. शुभम मंडल पदस्थापित थे। इस वर्ष दो मार्च के बाद उन्होंने ड्यूटी नहीं की है। चार माह से कोई अता पता नहीं है। विभाग को इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी है। लंबे समय से अनुपस्थित होने की जानकारी विभाग के वरीय पदाधिकारी को दी गई है। नीट पेपर लीक मामले में संलिप्तता संबंधी कोई जानकारी नहीं है। - डॉ. मुशर्रफ हुसैन, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बरारी

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