15 साल पहले टूटी पुलिया का अब तक नहीं हुआ है निर्माण
कटिहार। प्रखंड अंतर्गत वर्ष 2007 से पुलिया के ध्वस्त होने से बड़ी आबादी को आवागमन में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि गोपालपुर चौक से चौकचामा गांव जाने वाली मुख्यमंत्री सड़क में बनी पुलिया 2007 में आई भीषण बाढ़ में ध्वस्त हो गई थी। तब से अब तक ध्वस्त पुलिया का निर्माण नहीं कराए जाने से लोगों को आवागमन में कठिनाई हो रही है।
By JagranEdited By: Updated: Wed, 21 Jul 2021 09:37 PM (IST)
कटिहार। प्रखंड अंतर्गत वर्ष 2007 से पुलिया के ध्वस्त होने से बड़ी आबादी को आवागमन में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि गोपालपुर चौक से चौकचामा गांव जाने वाली मुख्यमंत्री सड़क में बनी पुलिया 2007 में आई भीषण बाढ़ में ध्वस्त हो गई थी। तब से अब तक ध्वस्त पुलिया का निर्माण नहीं कराए जाने से लोगों को आवागमन में कठिनाई हो रही है। उक्त पुलिया वर्ष 2007 में ध्वस्त हुई थी। पुलिया को ध्वस्त हुए करीब 15 साल से अधिक हो चुका है। इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी पुलिया का निर्माण नहीं होने से बड़ी आबादी के समक्ष आवागमन की समस्या बनी हुई है।
बाढ़ बरसात के दिनों में बढ़ती है समस्या:
जानकारी के अनुसार चामा छर्रा मारी बैजनाथपुर, गोपालपुर, सीजटोला, बलुआ सहित कई गांव के लोग इस सड़क होकर आना-जाना करते हैं। साथ ही प्रखंड मुख्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमदाबाद आदि जगहों पर आने के लिए भी लोगों के लिए यह मुख्य मार्ग है। लेकिन बरसात का दिन शुरू होते ही इस होकर आवागमन काफी कठिन हो जाता है। सूखे दिनों में लोग ध्वस्त पुलिया के बगल से किसी तरह आना-जाना कर लेते हैं। लेकिन बरसात के शुरू होते ही इस होकर आवागमन लगभग बंद सा हो जाता है। इस बाबत ग्रामीण मन्नु मंडल, पुरुषोत्तम मंडल, नीतीश मंडल, उपेंद्र मंडल ने कहा कि ध्वस्त पुलिया के निर्माण की मांग को लेकर वे लोग जन प्रतिनिधियों एवं बड़े अधिकारियों का दरवाजा खटखटा चुके हैं, लेकिन आश्वासनों के सिवाय कुछ नहीं मिलता है। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिया करीब 200 मीटर में ध्वस्त है। सूखे दिनों में किसी तरह आवागमन कर लेते हैं। लेकिन बरसात के दिनों में इस होकर आवागमन बहाल रखने हेतु चचरी का पुलिया बनाकर जान जोखिम में डालकर किसी तरह आवागमन करते हैं। लेकिन यह भी काफी जोखिम भरा होता है। प्रखंड प्रमुख गोपाल प्रसाद सिंह ने कहा कि वह भी पुलिया के निर्माण की मांग को लेकर बराबर आवाज उठाते रहे हैं एवं बड़े जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के समक्ष भी पुलिया के निर्माण की मांग कर चुके हैं। लेकिन अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे करीब 25 हजार की आबादी का आवागमन प्रभावित है।
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