हमारी आत्मा ही परमात्मा का अंश : स्वामी रामचंद्र बाबा
संवाद सूत्र बलरामपुर (कटिहार)। बलरामपुर प्रखंड अंतर्गत बैरागी टोला में संतमत सत्संग का आयोजन किया गया। सत्संग में प्रवचन करते हुए स्वामी रामचंद्र बाबा ने कहा कि परमात्मा उस वृक्ष के सामान हैं जिसकी टहनियां ब्रह्मा विष्णु एवं महेश के रूप में सृष्टि का संचालन करता है।
संवाद सूत्र बलरामपुर (कटिहार)। बलरामपुर प्रखंड अंतर्गत बैरागी टोला में संतमत सत्संग का आयोजन किया गया। सत्संग में प्रवचन करते हुए स्वामी रामचंद्र बाबा ने कहा कि परमात्मा उस वृक्ष के सामान हैं, जिसकी टहनियां ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश के रूप में सृष्टि का संचालन करता है। इस पेड़ की पत्तियां हम सभी मानव हैं। पेड़ की डाल में लटकी पत्तियों पर पानी डालने से कुछ नहीं होने वाला है, पेड़ की जड़ों में पानी डालने की जरूरत होती है। शरीर के अंदर मौजूद आत्मा, परमात्मा का अंश है। इसलिए मानव जीवन की सफलता के लिए पत्तियों में पानी डालने की जगह परमात्मा रुपी पेड़ में पानी डालने की आवश्यकता है। मनुष्य को शरीर में जो सुख मिलता है, वह सुख भी स्थाई नहीं है। सुख-दुख का चक्र घूमता रहता है। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति अपने जीवन काल में सदा सुखी नहीं रह पाता। उन्होंने कहा कि ईश्वर की भक्ति में काफी शक्ति है। भजन व सत्संग से मन प्रसन्न होता है। मानव को पाप कर्म से बचने की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि खुद कष्ट में रहकर दूसरों को सुख पहुंचाने वाले ही संत होते हैं। संतों का जीवन परोपकार के लिए होता है। इसलिए गुरु का हमेशा सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग ईश्वर का भजन करते हैं, उनका हमेशा मंगल होता है। संतों का अवतरण सभी के कल्याण के लिए होता है। संतों के मार्ग पर चलकर ही मानव जाति का कल्याण हो सकता है। बड़ी संख्या में संतमत के अनुयायी प्रवचन का रसास्वादन करते रहे। अन्य संतों ने भी प्रवचन के माध्यम से श्रद्धालुओं को आध्यात्म के मूल मंत्र से अवगत कराया। सत्संग में स्थानीय सत्संगी प्रद्युमन सिंह, रामसागर महतो, आशुतोष शर्मा, नवीन कुमार, रामासुभाष महतो, सीताराम महतो, पंकज कुमार, श्याम बाबू भगत, अजीत भगत, उमेश मल्लिक आदि मौजूद थे।