Bihar: मानव तस्करी का ट्रांजिट रूट बन रहा सीमांचल, पिछले 9 माह में 728 नाबालिग व 45 युवतियां कराई गईं मुक्त
Seemanchal Transit Route of Human Trafficking बिहार का सीमांचल मानव तस्करी का ट्रांजिट रूट बन गया है। पिछले नौ महीनों में 728 नाबालिगों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया गया है। इनमें से कुछ मामलों में तस्करों की गिरफ्तारी भी हुई है।
By Neeraj KumarEdited By: Ashish PandeyUpdated: Thu, 16 Feb 2023 02:59 PM (IST)
नीरज कुमार, कटिहार: बिहार का सीमांचल मानव तस्करी का ट्रांजिट रूट बन गया है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने पिछले नौ महीनों में जोन के विभिन्न स्टेशनों से 728 नाबालिगों और 45 युवतियों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया है। इनमें से कुछ मामलों में तो तस्करों की गिरफ्तारी भी हुई है। सिर्फ कटिहार रेल मंडल के कई स्टेशनों से 145 नाबालिग बच्चों और बच्चियों को मुक्त कराया गया है। रेल सुरक्षा बल ने पिछले नौ महीनों में 25 रोहिंग्याओं को पकड़ा है, जिनमें 16 युवतियां और 9 पुरुष शामिल हैं।
ट्रैफिकिंग का ट्रांजिट रूट बना सीमांचल
सीमांचल के जिलों कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज और अररिया में मानव तस्करी एक बड़ी समस्या बन चुकी है। इसका बड़ा कारण गरीबी है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्र होने के कारण यहां की खेती-किसानी भी चार से पांच महीनों तक प्रभावित रहती है। रोजगार की तलाश में घर के पुरुष सदस्य अक्सर पलायन कर जाते हैं और तस्कर इनकी इसी मजबूरी का फायदा उठाते हैं। वे लड़कियों की शादी और बालकों को रोजगार दिलाने का झांसा देकर उन्हें बड़े शहरों और महानगरों में भेज देते हैं। बाल श्रम के साथ ही इनसे जोखिम भरे काम भी कराते हैं।
रेल अधिकारियों की कार्रवाई के दौरान क्रॉस-बॉर्डर ट्रैफिकिंग के मामले भी सामने आए हैं। खासकर बांग्लादेश की ओर से आने वाले रोहिंग्या मानव तस्करों के निशाने पर रहते हैं। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर रेल सुरक्षा बल ने पिछले नौ माह में 25 रोहिंग्याओं को पकड़ा है। इनमें 16 युवतियां और नौ पुरुष शामिल थे। पकड़े गए रोहिंग्याओं को घरेलू नौकरों के रूप में महानगरों में ले जाए जाने की बात सामने आई थी।