नौकरी छूटने से बच्चे भी काम करने को हुए मजबूर
जागरण संवाददाता कटिहार स्वयंसेवी संस्था अभिलाषा परिवार की ओर से सीसीएचटी बिहार के सहयोग से बच्चों के खिलाफ हिसा और दुर्व्यवहार की रोकथाम बच्चों और किशोरों की सुरक्षा विषय पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन जिला बाल संरक्षण इकाई के सभागार में किया गया।
जागरण संवाददाता, कटिहार: स्वयंसेवी संस्था अभिलाषा परिवार की ओर से सीसीएचटी बिहार के सहयोग से बच्चों के खिलाफ हिसा और दुर्व्यवहार की रोकथाम, बच्चों और किशोरों की सुरक्षा विषय पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन जिला बाल संरक्षण इकाई के सभागार में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला बाल संरक्षण इकाई की सहायक निदेशक बेबी रानी, अभिलाषा परिवार स्वयंसेवी संस्था के सचिव राजेश कुमार सिंह, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रविद्र कुमार, किशोर न्याय परिषद की सदस्य उषा कुमारी, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी पीटर मींज, बाल संरक्षण पदाधिकारी सुधीर कुमार ने संयुक्त रुप से किया। वक्ताओं ने कहा कि कोरोना के कारण वर्तमान में कई लोगों की नौकरी चली गई। जिस कारण घर के छोटे बच्चे भी काम करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। स्थानीय स्तर पर मजदूरों के बाहर जाने के कारण श्रमिकों की कमी होती जा रही है। इस कारण बच्चे विशेष रूप से अब बाजार के लिए नए लक्ष्य बन गए हैं। बाल श्रम का मुख्य कारण क्षेत्र का बाढ़ग्रस्त होना भी है। इससे बालिका शिक्षा पर भी असर हुआ है। आजीविका संकट तथा कोरोना महामारी के कारण बाल तस्करी का खतरा बढ़ गया है। मानव व्यापार, बाल विवाह एवं बाल श्रम का अब भी पूरी तरह उन्मूलन नहीं हो पाया है। जिला बाल संरक्षण इकाई के निर्देश पर यूनिसेफ द्वारा कदवा, मनिहारी, आजमनगर, बारसोई तथा बलरामपुर प्रखंड के 122 पंचायतों में पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन किया जाना है। यह सरकार से भी अधिसूचित है। पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति तथा वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति के क्रियाशील हो जाने पर पंचायत तथा वार्ड स्तर पर बच्चों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सकेगा। इस मौके पर बाल कल्याण समिति के सदस्य रोशन कुमार, प्रवीण कुमार झा, प्रियंका कुमारी, एक्शन एड संस्था की प्रियंका, चाइल्डलाइन के प्रदीप कुमार आदि मौजूद थे।