Bihar: 15 साल पहले नाव हादसे में जब गई 24 लोगों की जान, गंगा किनारे किया गया था शवों का पोस्टमॉर्टम
मृतकों के स्वजनों को दो-दो लाख रुपये तथा इंदिरा आवास देने के आश्वासन दिए गए थे। परंतु कई पीड़ित स्वजनों को न तो समुचित मुआवजा मिला और न ही आवास योजना का लाभ। घटना को बीते 15 वर्ष हो चुके हैं। सौढ़ उत्तरी के पंचायत समिति सदस्य रौशन रजक ने बताया कि पीड़ितों के स्वजनों को एक-एक लाख रुपये मुआवजे उस समय मिले थे। आवास योजना का लाभ नहीं मिला।
By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sun, 22 Oct 2023 05:30 AM (IST)
उपेंद्र, परबत्ता (खगड़िया)। 22 अक्टूबर 2008 को गंगा किनारे के लोग अभी भी नहीं भूले हैं। भूल भी नहीं सकते हैं। यह स्याह तिथि गंगा किनारे के क्षितिज पर सदा-सदा के लिए अंकित हो गई है। इस दिन खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत दुधैला गांव के पास गंगा की उपधारा में एक नाव पलट गई थी और देखते ही देखते 24 लोग काल के गाल में समा गए।
एक साथ कई चिताएं जली थी। दुधैला गांव में चीख-पुकार मच गई थी। गांव में आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा था। ग्रामीणों की आंखों की आंसू के सामने गंगा की उपधारा का पानी कम पड़ गया था। उस दिन को याद कर आज भी दुधैला के लोग सहम जाते हैं। दुधैला सौढ़ उत्तरी पंचायत में अवस्थित है।
गंगा किनारे ही मेडिकल टीम पहुंची थी और एक साथ 24 शवों का पोस्टमार्टम हुआ था। नाव दुर्घटना के बाद आश्वासनों की हुई बरसात, पर आज तक नहीं मिला आवास योजना का भी लाभ तत्कालीन डीएम उदय नारायण ठाकुर, एसपी डा. कमल किशोर सिंह दुधैला पहुंचे थे।
मृतकों के स्वजनों को दो-दो लाख रुपये तथा इंदिरा आवास देने के आश्वासन दिए गए थे। परंतु कई पीड़ित स्वजनों को न तो समुचित मुआवजा मिला और न ही आवास योजना का लाभ। घटना को बीते 15 वर्ष हो चुके हैं। सौढ़ उत्तरी के पंचायत समिति सदस्य रौशन रजक ने बताया कि पीड़ितों के स्वजनों को एक-एक लाख रुपये मुआवजे उस समय मिले थे। आवास योजना का लाभ नहीं मिला।
आज तक अधिकांश पीड़ित स्वजन झोपड़ी तथा खपरैल घर में रहने को विवश हैं। नाव दुर्घटना में सुरेंद्र पंडित की बेटी चांदनी की मौत हो गई थी। आज तक उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिला। 24 मृतकों में 19 दुधैला के थे। कुल 24 लोगों में 19 दुधैला के और तीन लोग बुद्धनगर के तथा शेष दो नवगछिया के मकनपुर के थे।
मृतकों के स्वजन लक्ष्मण रजक, सबोरन रजक, सुरेंद्र पंडित, सुबोध मंडल, दशरथ मंडल, प्रकाश पंडित आदि ने कहा कि उस समय आला अधिकारियों ने कई आश्वासन दिए थे। अभी तक मुआवजा नहीं मिला। न ही आवास योजना का लाभ।
(पीड़ित स्वजन सुरेंद्र पंडित की झोपड़ी)यह भी पढ़ेंः इजरायली बमबारी की अरब जगत ने की निंदा, फलस्तीन के राष्ट्रपति बोले- अब हम नहीं छोड़ेंगे अपनी जमीन
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