Move to Jagran APP

Bihar: बागमती के बाद अब कोसी ने किया खतरे के निशान को पार, नदी किनारे बसे गांवों के लोगों में पसरा भय

Khagaria News बागमती के बाद अब कोसी ने भी खगड़िया में खतरे के निशान को पार कर दिया है। रविवार की सुबह कोसी खतरे के निशान से नौ सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी। पिछले 12 घंटे में कोसी के जलस्तर में सात सेंटीमीटर की वृद्धि देखने को मिली है। कोसी और बागमती में उफान के कारण नदी किनारे बसे गांवों के लोगों में भय पसर रहा है।

By Amit JhaEdited By: Aysha SheikhUpdated: Mon, 17 Jul 2023 01:08 PM (IST)
Hero Image
Bihar: बागमती के बाद अब कोसी नदी ने किया खतरे के निशान को पार
जागरण संवाददाता, खगड़िया: बागमती के बाद अब कोसी भी खगड़िया में खतरे के निशान को पार कर गई है। खगड़िया के बलतारा में कोसी बीते शनिवार की संध्या छह बजे ही खतरे के निशान को पार कर गई। रविवार की सुबह कोसी यहां पर खतरे के निशान से नौ सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी।

कोसी की रफ्तार अभी थमने वाली नहीं

शनिवार की सुबह कोसी का जलस्तर यहां पर 33.87 मीटर था, जबकि रविवार की सुबह कोसी का जलस्तर 33.94 मीटर दर्ज किया गया है। 12 घंटे में कोसी के जलस्तर में सात सेंटीमीटर की वृद्धि देखने को मिली है। कोसी की प्रवृति बढ़ने की बताई गई है। कहने का मतलब कोसी की रफ्तार अभी थमने वाली नहीं है।

बागमती खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर

बागमती बड़ी तेजी से बढ़ रही है। बीते शनिवार की संध्या छह बजे खगड़िया के संतोष स्लूईस (जलद्वार) के पास बागमती का जलस्तर 36.07 मीटर दर्ज किया गया। रविवार की सुबह छह बजे यहां बागमती का जलस्तर 36.13 मीटर था। 12 घंटे में छह सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। प्रति घंटे हाफ सेंटीमीटर की दर से बागमती बढ़ रही है। बागमती की प्रवृति भी बढ़ने की है।

नदी किनारे बसे गांवों के लोगों में भय

कोसी और बागमती में उफान के कारण नदी किनारे बसे गांवों के लोगों के मन में भय पसर रहा है। कोसी किनारे बसे गांधीनगर में नदी कटाव कर रही है, जबकि बागमती उत्तरी बोहरवा में कटाव जारी रखे हुए है। इधर, नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए केबी तटबंध, बीएन तटबंध, तेलिहार जमींदारी बांध, चोढ़ली जमींदारी बांध आदि कि निगरानी बढ़ा दी गई है। 24 घंटे निगरानी की जा रही है।

खतरे के निशान से बूढ़ी गंडक काफी नीचे

बूढ़ी गंडक के जलस्तर में खगड़िया के अघोरी स्थान के पास कमी आई है। बीते 24 घंटे में यहां पर तीन सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई है। खतरे के निशान से अभी बूढ़ी गंडक काफी नीचे है। हालांकि, कोसी और बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।