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बिहार के खगडि़या में एक घौंद केला की कीमत चार सौ रुपये, किसानों ने कहा क्‍यों नहीं लगाए जा रहे उद्योग?

बिहार में केला आधारित उद्योग नहीं रहने से किसानों को सही कीमत नहीं मिल रही है। यहां एक घौंद केला चार से पांच सौ रुपये में किसानों को बेचना होता है। किसानों ने कहा कि अगर केला आधारित उद्योग लगाई जाए तो बेहतर रहेगा।

By Jagran NewsEdited By: Dilip Kumar shuklaUpdated: Wed, 12 Oct 2022 03:40 PM (IST)
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बिहार के खगडि़या में केला की कीमत।

जागरण संवाददाता, खगड़िया। खगड़िया केला की खेती को लेकर प्रसिद्ध है। 1800 हेक्टेयर में केले की खेती होती है। यहां से दूर-दूर तक केले भेजे जाते हैं। विभागीय स्तर पर मार्केटिंग की व्यवस्था नहीं होने से केला किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है।

1956 में हुई थी केले की खेती की शुरुआत

1956 में मध्य प्रदेश के भुसवाल से केले के कंद लाकर दो एकड़ से इसकी खेती की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय सुरेंद्र नाथ शास्त्री ने मड़ैया गांव से की। आज परबत्ता और गोगरी में 1700 हेक्टेयर में केले की खेती होती है। 100 हेक्टेयर में चौथम और खगड़िया में केले की खेती की जाती है। केला आधारित उद्योग नहीं होने से यहां के किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता है।

बढ़ती जा रही है लागत खर्च

किसानों का कहना है कि लागत खर्च बढ़ा है। कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित कुल्हड़िया की किसान नीलम कुमारी कहती हैं- वर्ष 2020 में एक एकड़ केले की खेती में 50 हजार के आसपास लागत आती थी। अब केला की प्रभेद जी-9 में 70 हजार रुपये एक एकड़ की खेती में खर्च बैठता है। नीलम कुमारी के अनुसार- इस साल दाम ठीक-ठाक रहा। एक घौंद चार से पांच सौ रुपये में बिके। पर लोकल स्तर पर मार्केटिंग की व्यवस्था रहने और केला आधारित उद्योग होने से किसानों का मुनाफा बढ़ेगा।

उद्योग खड़े करने के किए जा रहे प्रयास

इधर उद्यान विभाग की ओर से केले की खेती को प्रोत्साहित करने और इस पर आधारित चिप्स, केले के थंभ के रेशे से धागा बनाने आदि के उद्योग खड़े करने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। बिहार राज्य उद्यानिकी विकास योजना के अंतर्गत गोगरी प्रखंड के शेरचकला में केला किसानों ने मिलकर एक कंपनी बनाई है। इससे 60 किसान जुड़े हुए हैं। पैक हाउस बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इस पर अनुदान भी है।

केला आधारित उद्योग खड़ा करने के लिए उद्योग विभाग से बात की गई है। योजना है कि यहां केले से चिप्स और केले के थंभ के रेशे से धागा निकालने के उद्योग लगाया जाएगा। गोगरी के शेरचकला में 60 किसानों ने एक कंपनी भी बनाई है। - मु. जावेद, जिला उद्यान पदाधिकारी, खगड़िया।

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