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समस्तीपुर और बेगूसराय में अगर टूटा तटबंध तो खगड़िया में मचेगी तबाही, 1987 और 2007 में आई थी बाढ़

वर्ष 2007 की बाढ़ को देखते हुए खगड़िया जिला मुख्यालय को बाढ़ से बचाव की योजना बनाई गई थी। सरकारी स्तर पर खगड़िया टाउन प्रोटेक्शन प्लान बनाया गया। इसके तहत बेगूसराय के बगरस जलद्वार से खगड़िया के संतोष जलद्वार तक 38.200 किलोमीटर में तटबंध बनाने की योजना बनी।वर्ष 2012-13 में कार्य आरंभ हुआ जो अब तक पूर्ण नहीं हुआ है।

By Amit Jha Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 27 May 2024 05:41 PM (IST)
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समस्तीपुर और बेगूसराय में अगर टूटा तटबंध तो खगड़िया में मचेगी तबाही, 1987 और 2007 में आई थी बाढ़
अमित झा, खगड़िया। खगड़िया अपने पानी से नहीं बल्कि समस्तीपुर और बेगूसराय में बांध-तटबंध टूटने पर डूबता है। 1987 में समस्तीपुर जिले के पानी से खगड़िया में प्रलयकारी बाढ़ आई थी। 2007 में समस्तीपुर और बेगूसराय जिले में क्रमश: तटबंध टूटने की घटना हुई और खगड़िया डूब गया।

खगड़िया समाहरणालय परिसर में नाव चली थी। लंबे समय तक पानी रहा था। नदी-पानी पर काम करने वाले कृष्ण मोहन सिंह 'मुन्ना' कहते हैं- 2007 में खगड़िया शहरी क्षेत्र के कई भागों में तीन माह तक बाढ़ का पानी रहा था। पहले समस्तीपुर जिले में तटबंध टूटा और वहां से पानी आया। फिर बेगूसराय के बसही के पास बूढ़ी गंडक का तटबंध टूटा और वहां का भी पानी खगड़िया शहर में प्रवेश कर गया।

2007 के बाद बनी थी योजना

वर्ष 2007 की बाढ़ को देखते हुए खगड़िया जिला मुख्यालय को बाढ़ से बचाव की योजना बनाई गई थी। सरकारी स्तर पर खगड़िया टाउन प्रोटेक्शन प्लान बनाया गया। इसके तहत बेगूसराय के बगरस जलद्वार से खगड़िया के संतोष जलद्वार तक 38.200 किलोमीटर में तटबंध बनाने की योजना बनी।

वर्ष 2012-13 में कार्य आरंभ हुआ, जो अब तक पूर्ण नहीं हुआ है। बेगूसराय जिले में 10 किलोमीटर में तटबंध बनना था। परंतु तीन किलोमीटर में ही बना। सात किलोमीटर में भू-अर्जन का पेंच फंस गया है। खगड़िया जिले में लगभग 28 किलोमीटर में तटबंध बनना था, लेकिन यहां बभनगामा मौजा में भू-अर्जन का पेंच फंस जाने के कारण 3.85 किलोमीटर में तटबंध नहीं बना है। अन्य मौजा में कार्य पूर्ण हो चुका है।

कई जगहों पर तटबंध पर ईंट सोलिंग से लेकर पीसीसी सड़क भी बनी है। परंतु बभनगामा मौजा में 3.85 किलोमीटर में तटबंध निर्माण कार्य अपूर्ण है। खगड़िया जिले में तटबंध पर बनने वाले सभी नौ जलद्वार बनकर तैयार हैं। कहने का मतलब बेगूसराय और खगड़िया दोनों जगहों पर भू-अर्जन के करण तटबंध अधूरा है। ऐसे में खगड़िया शहर अब भी बाढ़ से असुरक्षित है।

भू-अर्जन का पेंच फंस जाने के कारण बेगूसराय जिले में 10 किमी के बजाय महज तीन किलोमीटर में तटबंध निर्माण कार्य पूरा हुआ है। भू-अर्जन विभाग बेगूसराय ने ऑब्जेक्शन लगाया था, जिसका जवाब तैयार कर भेज दिया गया है। - राजीव चौधरी, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, बेगूसराय

भू-अधिग्रहण को लेकर विभाग से प्रस्ताव मांगा है। प्रस्ताव की स्वीकृति और आवंटन मिलते ही भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। - कृपाल चौधरी, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो, खगड़िया

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