Chirag Paswan: चिराग पासवान किस पर खेलेंगे दांव? महागठबंधन से भी पिक्चर क्लियर नहीं, इस सीट पर सियासी हलचल तेज
Khagaria Lok Sabha Seat एनडीए से भाजपा की ओर से खगड़िया को लेकर भरपूर दावेदारी पेश की गई। जिला के पार्टी नेताओं ने दिल्ली से पटना तक जोर लगाया। परंतु यह सीट लोजपा (रामविलास) के खाते में गई। इसको लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में असंतोष भी है। इधर महागठबंधन में अब तक यह ही फाइनल नहीं हुआ है कि कौन-सी पार्टी लड़ेगी।
जागरण संवाददाता, खगड़िया। लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। खगड़िया संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में तीसरे चरण में चुनाव है। सात मई को मतदान की तिथि निर्धारित है। एनडीए गठबंधन की ओर से खगड़िया लोकसभा क्षेत्र से लोजपा (रामविलास) लड़ेगी। महागठबंधन से कौन-सी पार्टी लड़ेगी, यह अभी तय नहीं हुआ है। टिकट की टिकटिक जारी है।
एनडीए से भाजपा की ओर से खगड़िया को लेकर भरपूर दावेदारी पेश की गई। जिला के पार्टी नेताओं ने दिल्ली से पटना तक जोर लगाया। परंतु यह सीट लोजपा (रामविलास) के खाते में गई। इसको लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में असंतोष भी है। इंटरनेट मीडिया पर यह दिखाई भी पड़ रहा है। हालांकि, भाजपा जिला नेतृत्व का साफ-साफ कहना है कि एनडीए गठबंधन के जो भी उम्मीदवार होंगे उन्हें सभी मिलकर जिताने का काम करेंगे।
पासवान के संपर्क में हैं कैसर
लोजपा में विभाजन के बाद यहां के सांसद चौधरी महबूब अली कैसर पशुपति कुमार पारस के साथ चले गए थे। परंतु सूत्रों की माने तो वे लगातार चिराग पासवान के संपर्क में रहे हैं, इसलिए लोजपा (रामविलास) से वे भी मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। मजबूत दावेदारों में पूर्व सांसद डॉ. रेणु कुशवाहा भी शामिल हैं।लोजपा में विभाजन के बाद वे लगातार लोजपा (रामविलास) में सक्रिय रहे हैं। कोसी कॉलेज में बीते महीनों हुई पार्टी की सफल सभा में उनकी मजबूत भागीदारी रही थी। लोजपा (रामविलास) से लोकसभा क्षेत्र के एक युवा विधायक भी दावेदार माने जा रहे हैं। दिल्ली में रहने वाले एक सीए का नाम भी तेजी से उभरा है। सीए अनुज कुमार जिला मुख्यालय के सन्हौली गांव के रहने वाले हैं और दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हैं। खगड़िया लोकसभा क्षेत्र से अपना भाग्य आजमाना चाह रहे हैं।
सुनने में आया है कि पार्टी सुप्रीमो चिराग पासवान से लगातार संपर्क में हैं। लोजपा (रामविलास) के खगड़िया जिला अध्यक्ष शिवराज यादव भी दावेदार माने जा रहे हैं। अब देखना है कि पार्टी किन्हें टिकट थमाती है।
महागठबंधन में भी पिक्चर क्लियर नहीं
इधर, महागठबंधन में अब तक यह ही फाइनल नहीं हुआ है कि कौन-सी पार्टी लड़ेगी। राजद की ओर से बीते दिनों विधिवत बैठक कर पार्टी नेतृत्व से आग्रह किया गया कि खगड़िया से राजद का उम्मीदवार हो। राजद से पार्टी के जिलाध्यक्ष मनोहर कुमार यादव सबसे बडे दावेदार माने जाते हैं। कांग्रेस भी यहां नजर गड़ाए हुए है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव डॉ. चंदन यादव बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। अन्य दावेदार भी हैं।
महागठबंधन से सीपीआई (एम) की भी महत्वपूर्ण दावेदारी है। यहां से सीपीआई (एम) 1971, 1984 और 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ चुकी है। 1984 में सीपीआई (एम) से प्रसिद्ध मजदूर नेता योगेश्वर गोप चुनाव लड़े थे। उन्हें एक लाख 16 हजार वोट मिले थे और दूसरे स्थान पर रहे थे।सूत्रों की माने तो यहां से सीपीआई (एम) अकेले भी चुनाव लड़ सकती है। ऐसी स्थिति में महागठबंधन को परेशानी होगी। सूबे में चल रहे राजनीतिक हलचल पर नजर डाले, तो महागठबंधन में अगर वीआइपी की इंट्री होती है, तो समीकरण बदल सकता है। बीते लोकसभा चुनाव में यहां से वीआइपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने भाग्य आजमाया था, परंतु दूसरे स्थान पर रहे थे।
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