खगड़िया सीट पर कौन मारेगा बाजी? नीतीश की 'पलटी' ने बदल दिया पूरा सियासी खेल, राजद-CPI ने भी ठोकी दावेदारी
खगड़िया लोकसभा सीट पर लोजपा पारस गुट के चौधरी महबूब अली कैसर का कब्जा है। वे लगातार दो बार से काबिज हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने वीआइपी सुप्रीमो मुकेश सहनी को हराया था। मुकेश सहनी उस समय राजद गठबंधन के साथ थे। चौधरी महबूब अली कैसर ने मुकेश सहनी को लगभग दो लाख 49 हजार मतों से हराया था। चौधरी महबूब अली कैसर अभी एनडीए गठबंधन में हैं।
जागरण संवाददाता, खगड़िया। सूबे में सरकार बदली। इसके बाद खगड़िया का चुनावी परिदृश्य भी बदल गया है। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दलों की तैयारी चल रही है। अब दो बड़ी पार्टियां जदयू-भाजपा साथ हैं। खगड़िया लोकसभा सीट पर लोजपा पारस गुट के चौधरी महबूब अली कैसर का कब्जा है। वे लगातार दो बार से काबिज हैं। हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं।
पिछले चुनाव में उन्होंने वीआइपी सुप्रीमो मुकेश सहनी को मतों के बड़े अंतर से हराया था। मुकेश सहनी उस समय राजद गठबंधन के साथ थे। चौधरी महबूब अली कैसर ने मुकेश सहनी को लगभग दो लाख 49 हजार मतों से हराया था। चौधरी महबूब अली कैसर अभी एनडीए गठबंधन में हैं। एनडीए से लोजपा (रामविलास) के सुप्रीमो चिराग पासवान इस लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी पूर्व से ठोक रहे हैं।
लोजपा (रामविलास) की ओर से पूर्व सांसद डॉ. रेणु कुशवाहा को दावेदार माना जाता है। सीट पर जदयू की भी नजर है। जदयू जिलाध्यक्ष बबलू कुमार मंडल ने नई सरकार के गठन के बाद सीएम नीतीश कुमार से मिलकर यहां से उम्मीदवार देने की मांग की है।
दूसरी ओर भाजपा पुरजोर तरीके से इस सीट पर लगातार दावेदारी कर रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी का खगड़िया से विशेष लगाव रहा है। वे इसे अपनी कर्मभूमि मानते हैं। उनके पिता शकुनी चौधरी यहां से सांसद भी रहे हैं। एनडीए में जदयू, भाजपा, लोजपा पारस गुट और चिराग गुट सभी की अपनी-अपनी दावेदारी है।
महागठबंधन में राजद और सीपीआइ (एम) की दावेदारी
महागठबंधन से राजद जिलाध्यक्ष मनोहर कुमार यादव को बड़ा दावेदार माना जाता है। यहां से और दावेदार भी हैं। राजद को यहां से आधार वोट बैंक का संबल है। राजद की राह में सीपीआइ (एम) रोड़ा बनकर खड़ी है। सीपीआइ (एम) बिहार की जिन लोकसभा सीटों पर दावेदारी कर रही है, उनमें उजियारपुर, समस्तीपुर और खगड़िया प्रमुख हैं।
यहां 1971 में सीपीआइ (एम) के कृष्णकांत सिंह ने 35 हजार वोट लाए थे। 1984 में प्रसिद्ध ट्रेड यूनियन नेता योगेश्वर गोप सीपीआइ (एम) से लड़े थे और एक लाख 16 हजार वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे। 1914 में सीपीआइ (एम) से जगदीश चंद्र बसु लड़े और उन्हें लगभग 25 हजार वोट मिले। सीपीआइ(एम) के जिला सचिव संजय कुमार कहते हैं-वाम दलों का आधार खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में है। इसलिए हमारी मजबूत दावेदारी है।
एक नजर में खगड़िया लोकसभा क्षेत्र
खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें हैं। यह लोकसभा क्षेत्र तीन जिलों खगड़िया, सहरसा और समस्तीपुर से जुड़ा हुआ है। छह विधानसभा सीटों में तीन पर राजद का कब्जा है। एक पर कांग्रेस और दो पर जदयू का कब्जा है। खगड़िया सदर विधानसभा सीट पर कांग्रेस का, परबत्ता और बेलदौर विधानसभा सीट पर जदयू का और अलौली (सुरक्षित) समेत सिमरी बख्तियारपुर व हसनपुर विधानसभा सीट पर राजद का कब्जा है।
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