अस्तित्व की अंतिम लड़ाई लड़ रहा 'भरतखंड का पक्का'
खगड़िया। खगड़िया-भागलपुर की सीमा पर अवस्थित प्रसिद्ध इमारत 'भरतखंड का पक्का' जो '52 कोठरी 5
खगड़िया। खगड़िया-भागलपुर की सीमा पर अवस्थित प्रसिद्ध इमारत 'भरतखंड का पक्का' जो '52 कोठरी 53 द्वार' के नाम से प्रसिद्ध है, अब अपने अस्तित्व की अंतिम लड़ाई लड़ रहा है। समय के थपेड़ों से लड़ते-लड़ते यह ऐतिहासिक इमारत जीर्णशीर्ण हो चुका है, परंतु इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं है। अधिकारी और जनप्रतिनिधि सिर्फ वादे करते हैं और भूल जाते हैं।
परबत्ता प्रखंड मुख्यालय से 'भरतखंड का पक्का' महज 12 किलोमीटर दूरी पर अवस्थित है। अनुमंडल मुख्यालय गोगरी से इसकी दूरी 20 किमी और जिला मुख्यालय खगड़िया से 48 किलोमीटर। इसका निर्माण तीन सौ वर्ष पूर्व बाबू बैरम ¨सह ने करवाया था। इस तरह से यह इमारत मुगलकालीन है।
इस इमारत का निर्माण सुरखी-चूना से किया गया। यह महल पांच बीघा पांच कट्ठा पांच धूर पांच धुरकी में बना हुआ है। महल में 52 कमरे 53 दरवाजे हैं। जिस कारण यह '52 कोठरी 53 द्वार' के नाम से प्रसिद्ध है। इसमें 51 प्रकार के ईंटों का प्रयोग हुआ है। महल के बीचोबीच बने 'मंडप' की अपनी विशेषता है। इस एतिहासिक इमारत के शिल्पी बरकत मियां थे। कहा जाता है कि नगरपाड़ा के प्रसिद्ध कुआं का निर्माण भी बरकत मियां की देखरेख में हुआ था।
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इस एतिहासिक इमारत का जायजा लेंगे। इसके बाद जिला प्रशासन के माध्यम से पर्यटन विभाग को लिखा जाएगा।
सुभाषचंद्र मंडल, एसडीओ, गोगरी।
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आगामी पंचायत समिति की बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा तथा प्रस्ताव पारित कर ऊपर भेजा जाएगा।
धनंजय ¨सह, प्रमुख, परबत्ता