Move to Jagran APP

KK Pathak की सख्ती के बावजूद लापरवाही बरत रहे अधिकारी, यहां नहीं होती बिजनेस स्टडी की पढ़ाई, फिर भी नियुक्त कर दिया शिक्षक

तमाम दावों के बीच बिहार के खगड़िया में शिक्षा व्यवस्था में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। कई विद्यालयों को उत्क्रमित कर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दे दिया गया है। हालांकि शिक्षक और वर्ग कक्ष की कमी आज भी बनी हुई है। हाल-फिलहाल कई विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। हालांकि कई जगहों पर उन विषयों में शिक्षक भेज दिए गए हैं जिनमें एक भी नामांकन नहीं है।

By Amit JhaEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 20 Dec 2023 05:48 PM (IST)
Hero Image
इंटर विज्ञान और कला संकाय में 46 विद्यार्थियों का है नामांकन, पर शिक्षक मात्र तीन
उपेंद्र, संवाद सूत्र, परबत्ता (खगड़िया)। के के पाठक ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने करने का बीड़ा उठा रखा है। हालांकि ऐसा लगता है कि इस काम में उनके साथी अधिकारियों का साथ नहीं मिल रहा। इसकी एक बानगी खगड़िया में देखने को मिल रहा है।

तमाम दावों के बीच खगड़िया जिले में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। कई विद्यालयों को उत्क्रमित कर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दे दिया गया है। हालांकि, शिक्षक और वर्ग कक्ष की कमी आज भी बनी हुई है। हाल-फिलहाल कई विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। हालांकि, कई जगहों पर उन विषयों में शिक्षक भेज दिए गए हैं, जिनमें एक भी नामांकन नहीं है।

शिक्षकों के साथ अन्य संसाधनों की भी कमी

परबत्ता प्रखंड के जोरावरपुर पंचायत स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नयागांव-गोढ़ियासी इसका उदाहरण है। यहां संसाधन की घोर कमी है। कुल छात्र-छात्राओं की संख्या आठ सौ है। वर्ग कक्ष 10 हैं। परंतु, बेंच-डेस्क की कमी है। यहां विद्यार्थी फर्श पर बैठकर पठन-पाठन को विवश हैं। फर्श पर दरी बिछाकर विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है।

प्लस टू की पढ़ाई के लिए मात्र 3 शिक्षक 

मालूम हो कि यह विद्यालय पहले प्राथमिक विद्यालय था। इसके बाद मध्य विद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ। फिर माध्यमिक विद्यालय हुआ। आज की तारीख में यह विद्यालय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है। शिक्षकों की कुल संख्या 16 है। प्लस टू की पढ़ाई को लेकर मात्र तीन शिक्षक हैं। सभी नवनियुक्त शिक्षक हैं।

प्लस टू में नामांकन 46 है। 40 विज्ञान में और छह कला संकाय में नामांकन है। शिक्षकों की जो नवनियुक्ति हुई है, उनमें प्लस टू में, बिजनेस साइंस, कंप्यूटर साइंस और अंग्रेजी विषय में एक-एक शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। जबकि बिजनेस स्टडी में एक भी विद्यार्थी का नामांकन नहीं है।

187 छात्रों को पढ़ाने के लिए मात्र एक शिक्षक

माध्यमिक में भी शिक्षकों की कमी है। वर्ग नवम में 94 और दशम में 93 विद्यार्थियों का नामांकन हैं। हालांकि, इन 187 छात्रों को सामाजिक विज्ञान पढ़ाने के लिए महज एक शिक्षक ही नियुक्त है। हालात ऐसे हैं कि मध्य विद्यालय के शिक्षकों को माध्यमिक कक्षा के विद्यार्थियों को भी पढ़ाना पड़ रहा है।

क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक ?

प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार ने बताया कि शिक्षक की कमी है। साथ ही बेंच-डेस्क की कमी के कारण विद्यार्थियों को फर्श पर बैठाया जाता है। इससे उच्च अधिकारी को अवगत कराया गया है।

यह भी पढ़ें: Bihar Crime News: मधेपुरा में अपराधियों ने हथियार का डर दिखाकर छीनी बाइक, 50 हजार रुपये भी झपटकर ले गये साथ

Bihar Bullet Train: बिहार में बुलेट ट्रेन की राह आसान नहीं! इन जिलों के लोगों को जमीन जाने का सता रहा डर

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।