Bihar News: जन्मतिथि में हेरा फेरी करना शिक्षिका को पड़ा महंगा, विजिलेंस ने लिया एक्शन; अब जा सकती है नौकरी
बिहार के खगड़िया में शिक्षिका के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। दरअसल प्राथमिकी जन्मतिथि में हेरा फेरी करने को लेकर दर्ज हुई है। बताया जा रहा है कि शिक्षिका लचिया शर्मा ने अपने अंक पत्र में जन्म तिथि के साथ छेड़खानी कर उम्र सीमा 18 वर्ष से अधिक कर दिया। निगरानी विभाग की जांच में यह छेड़छाड़ पकड़ी गई।
जागरण संवाददाता, पोठिया (किशनगंज)। शिक्षक नियोजन फर्जीवाड़ा को लेकर बिहार के किशनगंज में पोठिया प्रखंड के एक शिक्षिका लचिया शर्मा के विरुद्ध निगरानी ब्यूरो (विजिलेंस) की इस प्रखंड में पहली गाज गिरी है।
इस मामले में रायपुर पंचायत अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय धोबिनिया की शिक्षिका लचिया शर्मा पर जन्म तिथि में हेरा फेरी को लेकर निगरानी जांच ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक सह जांचकर्ता मिथिलेश कुमार द्वारा अर्राबाड़ी ओपी (पहाड़कट्टा थाना) में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
अंक पत्र में जन्म तिथि के साथ छेड़छाड़
लचिया शर्मा का वर्ष 2003 में मध्यमा अंक पत्र के आधार पर अप्रशिक्षित शिक्षा मित्र के रूप में नियोजन हुआ। था। कागजातों की जांच के दौरान जन्मतिथि में हेरा-फेरी सामने आई। लचिया शर्मा द्वारा जन्मतिथि में हेरा फेरी कर 03.02.1982 अंकित किया गया।
वहीं, बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड का सत्यापन प्रतिवेदन में इनका वास्तविक जन्म तिथि 03.02.1985 देखा गया। इस कारण शिक्षा मित्र बनने की अहर्ता की तिथि 01.01. 2003 को इनका वास्तविक उम्र कम से कम 18 वर्ष होना था। लेकिन उस वक्त 17 वर्ष 10 माह 28 दिन ही हुए थे।
शिक्षिका लचिया शर्मा ने अपने अंक पत्र में जन्म तिथि के साथ छेड़खानी कर उम्र सीमा 18 वर्ष से अधिक कर दिया। यानि वर्ष 1985 को 1982 बना दिया, जो निगरानी विभाग की जांच में पकड़ा गया।
गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज
इस प्रकार पंचायत शिक्षामित्र लचिया शर्मा के विरुद्ध आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी करने तथा कागजातों के साथ छेड़छाड़ करने को लेकर गंभीर धाराओं के तहत पहाड़कट्टा थाना में कांड संख्या 155/23 दर्ज की गई है।
गौरतलब है की माननीय उच्च न्यायालय पटना के निर्देश के आलोक में तमाम नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक योग्यता सहित मेघा सूची की जांच चल रही है।
इस क्रम में अब पोठिया प्रखंड के शिक्षकों के कागजातों का सत्यापन हो रहा है। सूत्रों की मानें तो पोठिया प्रखंड के लगभग एक दर्जन से अधिक शिक्षक निगरानी विभाग की टेढ़ी नजर में हैं।
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