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Bihar News: दवा की जगह मौत बांट रहे किशनगंज के नर्सिंग होम, लापरवाही से गुस्साए परिजनों ने जमकर किया हंगामा

बिहार के किशनगंज में मंगलवार रात नोवा हेल्थ केयर नर्सिंग होम में लापरवाही का मामला सामने आया है। बहादुरगंज प्रखंड के गोपालपुर निवासी संगीता देवी को प्रसव पीड़ा के बाद भर्ती कराया गया था। सर्जरी के बाद प्रसूता की हालत बिगड़ गई। इसके बाद नर्सिंग होम की महिला चिकित्सक ने आनन-फानन में प्रसूता को रेफर करने की बात कही। इसके बाद नाराज स्वजनों ने जमकर हंगामा किया।

By Shailesh BhartiEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 15 Nov 2023 06:34 PM (IST)
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नर्सिंग होम में मरीज की हालत बिगड़ने पर स्वजनों ने किया हंगामा। (जागरण फोटो)
संवाद सहयोगी, किशनगंज। बिहार के किशनगंज जिले में निजी नर्सिंग होम 'नीम हकीम खतरे-ए-जान' वाली कहावत चरितार्थ कर रहे हैं। कुकुरमुत्ते की तरह खुले इन नर्सिंग होम में सुविधा के नाम पर कुछ नहीं रहता और जब मरीज की हालत बिगड़ती है, तो अपना पल्ला झाड़ते हुए तुरंत उन्हें रेफर कर दिया जाता है।

इस तरह का ताजा मामला मंगलवार रात शहर के पश्चिमपाली स्थित नोवा हेल्थ केयर का है। जहां बहादुरगंज प्रखंड के गोपालपुर निवासी संगीता देवी को प्रसव पीड़ा के बाद भर्ती कराया गया था।

सर्जरी के बाद प्रसूता की हालत बिगड़ गई। इसके बाद नर्सिंग होम की महिला चिकित्सक डॉ. गौरी रानी ने आनन-फानन में प्रसूता को रेफर करने की बात कही। इसके बाद नाराज स्वजनों ने जमकर हंगामा किया।

क्य है स्वजनों का आरोप?

स्वजनों ने कहा की नर्सिंग होम में उनसे पचास हजार रुपये लिए गए। अगर मरीज के शरीर में खून नहीं था, तो आखिर ऑपरेशन क्यों किया गया।

इस दौरान प्रसूता के स्वजन द्वारा रोने एवं शोर मचाने पर आसपास के लोगों की भीड़ जुट गई। मौके पर मौजूद लोगों के द्वारा भी चिकित्सक के इस कार्यशैली की निंदा की गई।

चिकित्सक ने आरोपों पर क्या कहा ?

चिकित्सक डॉ. गौरी रानी ने आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा की पहले ही स्वजन को प्रसूता की स्थिति से अवगत करवाया गया था।

इस दौरान करीब घंटों तक हंगामा चलता रहा। वहीं प्रसूता को उसके स्वजन आनन-फानन में हायर सेंटर ले गए। प्रसूता की स्थिति फिलहाल गंभीर बनी हुई है।

जांच टीम गठित होने के बावजूद नहीं होती कार्रवाई

जिला में अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम की जांच के लिए सिर्फ टीम गठित होती रही है। कई बार टीम गठन किया गया लेकिन अब तक कोई सख्त कार्रवाई होती नहीं दिखी है।

हालांकि, नव पदस्थापित जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला के द्वारा अक्टूबर में नर्सिंग होम के खिलाफ जांच टीम का गठन कर जांच का निर्देश दिया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने कुछ ही नर्सिंग होम का जांच कर पाया है।

सख्ती बरते विभाग तो दर्जनों पर गिरेगी गाज

लोगों का कहना है स्वास्थ्य विभाग या जांच टीम चुड़िपट्टी मोहद्दीपुर से पश्चिम पाली चौक तक हर गली में घुसकर जांच अभियान चलाए तो, दो दर्जन से अधिक अवैध नर्सिंग होम पर गाज गिरेगी।

पश्चिमपाली चौक से गाछपाड़ा सालकी, पश्चिमपाली चौक से लहड़ा चौक, लहड़ा चौक से ब्लाक चौक व हलीम चौक के बीच यदि विशेष अभियान चलाया जाए तो, तकरीबन डेढ़ सौ से अधिक अवैध नर्सिंग होम पर कार्रवाई हो सकती है।

स्थानीय लोगों मामले को दबाने का लगाया आरोप

स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग कुछ ही नर्सिंग होम पर नाम मात्र जांच करके मामले को दबाने की कोशिश में लगे हुए हैं।

वहीं, आए दिन शहर में किसी न किसी नर्सिंग होम में इलाज की लापरवाही से मरीजों की मौत और हंगामा होना आम बात हो गया है।

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