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भारत-नेपाल सीमा पर रेल और सड़क निर्माण में आई तेजी

किशनगंज। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में सरकार ने सड़क और रेल परियोजना

By JagranEdited By: Updated: Wed, 13 Jan 2021 12:05 AM (IST)
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भारत-नेपाल सीमा पर रेल और सड़क निर्माण में आई तेजी

किशनगंज। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में सरकार ने सड़क और रेल परियोजनाओं पर काम तेज कर दिया है। सबकुछ ठीक रहा तो इस साल जून तक चंपारण-किशनगंज सीमा सड़क का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इसके अलावा भारतमाला परियोजना के तहत सीमा के पास से गुजरने वाले एनएच 327 ई को भी फोरलेन बनाया जा रहा है। अररिया-गलगलिया के बीच रेलवे ट्रैक का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है। इन तीनों परियोजना के पूरा होने के बाद सीमाई इलाकों में आवागमन सहज हो जाएगा। साथ ही देश के अन्य हिस्सों से जुड़ाव और मजबूत होगा। किसी भी आपात परिस्थिति में आसानी से यहां पहुंचा जा सकेगा।

चंपारण के मदनपुर से किशनगंज के गलगलिया तक बन रही सीमा सड़क (बॉर्डर रोड) का निर्माण अब अंतिम चरण में है। किशनगंज जिले की सीमा में गलगलिया से टेढ़ागाछ तक सड़क निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। 2013 में शुरू हुई इस परियोजना के तहत मदनपुर से गलगलिया तक 552 किमी लंबी सड़क बनाई जा रही है। किशनगंज जिले में इसकी लंबाई 79.5 किमी है। यह सड़क टेढ़ागाछ प्रखंड के पिलटोला से ठाकुरगंज प्रखंड के गलगलिया तक जाएगी। इसमें पथ निर्माण विभाग नोडल एजेंसी के रूप में सहयोग कर रहा है। अब तक 20 किमी से अधिक सड़क का पक्कीकरण किया जा चुका है।

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अररिया-गलगलिया रेल परियोजना

अररिया-गलगलिया रेल परियोजना में भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है। ट्रैक बिछाने के लिए मिट्टी भराई की जा रही है। इस परियोजना के तहत पौआखाली समेत 14 स्टेशन बनाए जाएंगे। गलगलिया-अररिया नई रेल लाइन परियोजना के पहले चरण में गलगलिया से टेढ़ागाछ तक रेल लाइन का निर्माण कराया जाएगा। दूसरे फेज में टेढ़ागाछ से अररिया तक का काम होगा। पहले चरण की योजना में गलगलिया से टेढ़ागाछ के बीच पौआखाली मध्यवर्ती स्टेशन बनेगा। इस रेलखंड के विकसित होने से सीमावर्ती क्षेत्रों में कहीं आने-जाने में समय की बचत होगी। इसके साथ ही लंबी दूरी तय करने के लिए एप्रोच स्टेशन तक पहुंच भी आसान होगा। टेढ़ागाछ से ठाकुरगंज के बीच करीब 45 किलोमीटर रेलखंड का ही निर्माण कराया जाएगा। 110 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में टेढ़ागाछ से गलगलिया तक की दूरी 55 किलोमीटर है। नेपाल के साथ ही बांग्लादेश और पूर्वोत्तर तक होगी आसान पहुंच नेपाल सीमा से सटकर गुजर रहे अररिया-सिलीगुड़ी एनएच 327ई को सामरिक दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण माना गया है। यही वजह है कि इसे अब फोरलेन किया जा रहा है। काम पूरा होने के बाद नेपाल के साथ ही बांग्लादेश और पूर्वोत्तर तक जाने में पहले के मुकाबले आसानी होगी। एनएच 327ई से बेहतर कनेक्टिविटी के लिए जिले में अन्य सड़कों का निर्माण भी किया जा रहा है। कोट

- बॉर्डर रोड का निर्माण कार्य चल रहा है। किशनगंज जिले में लगभग 28 किमी तक कालीकरण पूरा हो चुका है। समय सीमा में काम पूरा करने का प्रयास चल रहा है।

- नंदलाल बैठा, कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग।