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नेपाल सीमा से सटे भोगडाबर पंचायत से होकर गुजरेगी रेल लाइन

किशनगंज। ठाकुरगंज प्रखंड मुख्यालय से महज सात किमी की दूरी पर भागडोबर पंचायत स्थित है। नेप

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2021 10:52 PM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2021 10:52 PM (IST)
नेपाल सीमा से सटे भोगडाबर पंचायत से होकर गुजरेगी रेल लाइन

किशनगंज। ठाकुरगंज प्रखंड मुख्यालय से महज सात किमी की दूरी पर भागडोबर पंचायत स्थित है। नेपाल सीमा से सटे इस पंचायत से होकर रेल लाइन गुजरेगी। भोगडाबर पंचायत में अररिया-गलगलिया न्यू बीजी रेल लाइन परियोजना के तहत कार्य चल रहा है। इस परियोजना के तहत भोगडाबर में हॉल्ट भी बनाया जाएगा। इससे पंचायत के लोग रेल संपर्क से सीधे जुड़ जाएंगे। 16 वार्डों व करीब 15 हजार की आबादी वाली भोगडाबर पंचायत के ग्रामीण पूरी तरह कृषि पर निर्भर हैं। यहां के किसान मुख्य रूप से मक्का, धान, केला आदि की खेती करते हैं, लेकिन सिचाई की कोई भी व्यवस्था सरकार द्वारा नहीं किए जाने से किसान या तो मानसून के भरोसे अपनी खेती करते हैं अथवा अपनी गाढ़ी कमाई खर्च कर बोरिग के सहारे खेती कर अपना भरण-पोषण करते हैं। लगभग 25 वर्ष पूर्व धुमगढ़ गांव के समीप लगाए गए स्टेट बोरिग खंडहर में तब्दील हो गया है। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। स्टेट बोरिग आरंभ से ही मरणासन्न स्थिति में है। नेपाल सीमा से सटे भोगडाबर ग्राम पंचायत में बुनियादी सुविधाएं यथा पक्की सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल आदि से भी पंचायतवासी वंचित हैं। पंचायत में ग्रामीण विद्युतीकरण कार्य संतोषजनक है। लोग इसका लाभ उठाते हुए बिजली का उपयोग कर रहे हैं।

एनएच 327ई से धुमगढ़ गांव होते हुए पाठामारी एसएसबी कैंप, पाठामारी हाट व थाना जाने वाली सड़क काफी खस्ताहाल हो गई है। एनएच 327 ई मैगलडांगी से दोगच्छी हाट जाने वाली सड़क जाने वाली अब भी कच्ची व गड्ढानुमा होने के कारण पंचायतवासी को आवागमन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अन्य पंचायतों में प्राय: सभी सड़कों का पक्कीकरण हो चुकी है, लेकिन भोगडाबर पंचायत के अब भी ऐसे कई सड़के हैं जो अब तक कच्ची है।

पंचायत सरकार भवन का हो रहा निर्माण इसी वित्तीय वर्ष में भोगडाबर में पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ हैं। निर्माण कार्य में अभी लंबा वक्त लगेगा।

घरों में बनाए गए हैं शौचालय पंचायत में शौचालय का निर्माण कराए गए हैं, लेकिन शत-प्रतिशत लोग शौचालय का प्रयोग नहीं करते हैं। हालांकि पंचायत के माध्यम से खुले में शौच नहीं जाने को लेकर लोगों को निरंतर जागरूक किया जा रहा है।

स्वास्थ्य व्यवस्था का नहीं मिल रहा लाभ स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति भी काफी दयनीय है। ग्राम पंचायत के ग्वालबस्ती में आठ वर्ष पूर्व निर्मित उप स्वास्थ्य केंद्र के अंदर का दरवाजा-खिड़की सड़ चुके कें। कमरे में मिट्टी का ढ़ेर बना हुआ है। इसके अलावा दो और उपस्वास्थ्य केंद्र है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीकाकरण के अलावा किसी भी तरह की चिकित्सा व्यवस्था ग्रामीणों को प्राप्त नहीं है। जलापूर्ति योजना का नहीं मिल रहा लाभ सीमा क्षेत्र विकास योजना अंतर्गत पंचायत के मैगलडांगी गांव में स्थापित सोलर लाइट से संचालित लौहमुक्त पेयजल योजना शोभा की वस्तु बनी हुई है। ग्रामीणों का इस योजना का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। 43 लाख 68 हजार की राशि से निर्मित उक्त ग्रामीण जलापूर्ति योजना स्थानीय ग्रामीणों को मुंह चिढ़ा रहा है।

उच्च शिक्षा के लिए जाना पड़ता है ठाकुरगंज शिक्षा व्यवस्था की बात करें तो ग्राम पंचायत में छह प्राथमिक विद्यालय, चार मध्य विद्यालय, एक उत्क्रमित उच्च विद्यालय और 15 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। सत्र 2020-21 से मध्य विद्यालय भोगडाबर को उच्च विद्यालय में उत्क्रमित किए जाने ने से गरीब बच्चों को मैट्रिक तक की शिक्षा प्राप्त करने में सहूलियत हुई है। इससे पूर्व बच्चों को हाई स्कूल की पढ़ाई जारी रखने के लिए उच्च विद्यालय ठाकुरगंज जाना पड़ता था।

कोट लगभग 25 वर्ष पूर्व धुमगढ़ गांव के बगल में स्थापित स्टेट बोरिग निर्माण काल से ही मृतप्राय अवस्था में है। इसकी सुध न तो प्रशासन ले रहा है और न यहां के जनप्रतिनिधि। किसान भगवान भरोसे खेती करने को मजबूर हैं। सीमा क्षेत्र विकास योजना के तहत ग्रामीण जलापूर्ति योजना के माध्यम से ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल संयंत्र का लाभ हमलोगों को नहीं मिल रहा है। मजबूरन आयरन युक्त जल पीने को विवश हैं। जबकि लाखों रुपये खर्च कर पेयजल प्लांट स्थापित किया गया। - भगवान मांझी

एनएच 327ई से धुमगढ़ गांव होकर पाठामारी थाना, हाट व एसएसबी कैंप तक जाने वाली पक्की सड़क काफी जर्जर है। इस सड़क का मरम्मत ग्रामीण कार्य विभाग व संबंधित संवेदक द्वारा नहीं कराए जाने से लोग जर्जर सड़क से आवागमन करने को मजबूर हैं, जबकि यह सड़क पंचायत के मुख्य मार्गों में से एक है। ग्वालबस्ती में बनाए गए उपस्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर तो दूर एएनएम भी नहीं आती हैं। भवन निर्माण कार्य में अनियमितता की वजह से निर्माण के एक वर्ष के अंदर ही जर्जर हो गया। देखरेख नहीं होने के कारण वर्तमान समय में यह खलिहान में तब्दील हो गया है। - मोहम्मद्दीन

पांच वर्षों के कार्यकाल में पंचायत को आवंटित व पारित कार्य योजनाओं को पूर्ण पारदर्शिता के साथ धरातल पर उतारा गया। पंचायत के 500 से अधिक वृद्धजनों व दिव्यांगों को पेंशन योजना से लाभान्वित कराया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 400 से अधिक ग्रामीणों को पक्का घर मुहैया कराया गया। मनरेगा, 15वीं वित्त आयोग, पंचम वित्त आयोग व मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना आदि मदों से पंचायत को प्राप्त आवंटित राशि का शत-प्रतिशत इस्तेमाल किया गया। पंचायत में सीमा क्षेत्र विकास योजना से कई सड़कों का निर्माण हो चुका है और कई सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है। कोरोना काल में पंचायत के लोगों को कई निजी संगठनों की मदद से राहत पहुंचाई गई। -रुखसाना बेगम, मुखिया

पंचायत एक नजर में जनसंख्या: 15 हजार साक्षरता दर: 62 फीसद आवास की संख्या: 2800 क्षेत्रफल: 18 वर्ग किलोमीटर मुख्य व्यवसाय: खेती


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