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कैदियों के साथ गंदा काम, फिर लड़की से अश्लील हरकत, अब हो गए गिरफ्तार

किशनगंज मंडल कारा के अधीक्षक कृपाशंकर पाण्डेय का एक वीडियो फिर चर्चा में है। इसमें वे एक नाबालिग लड़की के साथ अश्लील हरकत करते नजर आ रहे हैं। इसके पहले भी उनका अप्राकृतिक सेक्स का एक अश्लील वीडियो वायरल हुआ था। ताजा मामले में वे गिरफ्तार कर लिए गए हैं।

By Kajal KumariEdited By: Updated: Fri, 18 Mar 2016 12:33 PM (IST)
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किशनगंज [प्रवीण गोविन्द]। किशनगंज मंडल कारा के अधीक्षक कृपाशंकर पाण्डेय का एक वीडियो वायरल हुआ है। इसमें वे एक नाबालिग लड़की के साथ अश्लील हरकत करते नजर आ रहे हैं। इसके पहले भी उनका अप्राकृतिक सेक्स का एक अश्लील वीडियो वायरल हुआ था। इस मामले की जांच में दोषी पाए जाने के बाद उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया।

इसके पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंभीरता से लिया था। उन्होंने जेल अधीक्षक को निलंबित करने तथा जांच करा दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया था।

मुख्यमंत्री ने दिया कार्रवाई का अादेश

वीडियो क्लिप सामने आने के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेल अधीक्षक पर कार्रवाई में विलंब पर नाराजगी जाहिर की। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकारा। मुख्यमंत्री ने गृह सचिव व जेल आइजी को निर्देश दिया कि वे जेलर को निलंबित कर मामले की जांच कराएं तथा दोषी पाने पर उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराएं।

जांच में पाए गए दोषी

इस मामले के संज्ञान में आने के बाद एसपी राजीव रंजन ने जांच की जिम्मेदारी एसडीपीओ कामिनी बाला को सौंपी। एसडीपीओ ने मंगलवार को नाबालिग लड़की के साथ ही जेल अधीक्षक से भी पूछताछ की। पूछताछ के क्रम में अधीक्षक ने बताया कि जिस लड़की के साथ वीडियो वायरल हुआ है, वह उनकी बेटी के समान है। बोले, वह मेरी बेटी जैसी है इसलिए गले लगाया।

भले ही जेल अधीक्षक ने लड़की को बेटी बताते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया हो, लेकिन लोगों को उनकी बात नहीं पच रही हैं। पुलिस जांच में भी उन्हें दोषी पाया गया है।

पहले भी कैदियों ने बनाया था वीडियो

इसके पहले 12 जुलाई 2015 को भी जेल अधीक्षक कृपाशंकर पांडेय का एक वीडियो वायरल हुआ था। उसमें पांडेय कैदियों के साथ अप्राकृतिक सेक्स करते दिखे थे। कैदियों का आरोप था कि पांडेय की बात नहीं मानने पर वे मारपीट भी किया करते थे। कैदियों ने कहा था कि 'आजिज आकर' उनलोगों ने उनका वीडियो बनाया था। तत्कालीन डीएम ने मामले की जांच के लिए एडीएम की देखरेख में तीन सदस्यीय टीम बनाई थी।

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