23 साल पहले रामलला को टेंट में देख बिहार के देवदास ने ली अनोखी प्रतिज्ञा, 22 जनवरी को अयोध्या में तोड़ेंगे संकल्प
23 साल पहले बिहार के किशनगंज के रहने वाले देवदास उर्फ देवू दा अयोध्या गए थे वहां पर उन्होंने टेंट में रामलला को देखा था उसी समय उन्होंने प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक अयोध्या में श्रीराम का मंदिर नहीं बन जाता है तब तक वह बिना जूते-चप्पलों के ही रहेंगे। 22 जनवरी को रामलला अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में विराजेंगे उसी के साथ देवदास का संकल्प भी पूरा होगा।
सुभजीत शेखर, किशनगंज। 23 साल पहले बिहार के किशनगंज के रहने वाले देवदास उर्फ देवू दा अयोध्या गए थे, वहां पर उन्होंने टेंट में रामलला को देखा था, उसी समय उन्होंने प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक अयोध्या में श्रीराम का मंदिर नहीं बन जाता है, तब तक वह बिना जूते-चप्पलों के ही रहेंगे।
अब 22 जनवरी को रामलला अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में विराजेंगे, उसी के साथ देवदास का संकल्प भी पूरा होगा। वह अयोध्या जाकर वहीं पर चप्पल पहनेंगे। देवदास राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाहक भी हैं। उन्होंने बताया कि संकल्प लेने के बाद उन्हें आरंभ में थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन बाद में सब ठीक हो गया।
दो हजार से अधिक शवों का दाह-संस्कार कर चुके देवदास
घर से लेकर बाहर तक वह हर जगह बिना जूता-चप्पल के ही आते-जाते हैं। सड़क पर पड़े किसी कंकड़-पत्थर या किसी नुकीली चीज ने भी उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाया। भगवान की कृपा से उनका संकल्प पूरा होने वाला है। जब श्रीराम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा, तब वह अयोध्या पहुंचकर जूता या चप्पल धारण करेंगे।46 वर्षीय देवदास अब तक दो हजार से भी अधिक शवों का दाह-संस्कार कर चुके हैं। लावारिस शवों का भी उन्होंने अंतिम संस्कार किया है।
यदि कोई लावारिस शव मिलता है तो वह पूरे विधि-विधान के साथ उसका अंतिम संस्कार करते हैं। यदि किसी के घर में कोई मृत्यु होती है तो देवदास वहां पहुंचकर अंतिम संस्कार में परिवार के सदस्यों की मदद करते हैं। जीविकोपार्जन के लिए देवदास एक छोटी सी दुकान चलाते हैं।
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