बिहार में खाकी तार-तार: दारोगा ने थाने में 8 दिनों तक लूटी अस्मत, कपड़े धुलवाए, मालिश करवाया; 2 लाख लेकर छोड़ा
किशनगंज के टेढ़ागाछ थाना में यूपी की महिला से आठ दिनों तक बंधक बनाकर दुष्कर्म करने के आरोपित तत्कालीन टेढ़ागाछ थानाध्यक्ष को लेकर कई खुलासे हुए हैं। आरोपित दारोगा महिला को लेकर नेपाल घूमने गए थे। दिनभर नेपाल में बिताने के बाद शाम को वापस टेढ़ागाछ थाना पहुंचे थे।
By Amitesh SonuEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Sun, 28 May 2023 10:16 AM (IST)
किशनगंज, जागरण संवाददाता। बिहार के किशनगंज में पति की तलाश में पहुंची उत्तर प्रदेश की महिला को थाना में बंधक बनाकर आठ दिनों तक दुष्कर्म करने के आरोपित तत्कालीन टेढ़ागाछ थानाध्यक्ष को लेकर ऐसी कई बातें सामने आई हैं, जो चौंकाने वाली है।
महिला को बंधक बनाकर रखने के दौरान दारोगा उसे अपने साथ लेकर नेपाल घुमाने गए थे। जांच में हुए खुलासे के अनुसार, 20 मई को थानाध्यक्ष नीरज कुमार निराला पीड़ित महिला को नेपाल ले गए थे और दिनभर नेपाल में बिताने के बाद शाम को वापस टेढ़ागाछ थाना पहुंचे थे।
मामले में फरार थानाध्यक्ष के कई फुटेज भी पुलिस के हाथ लगा है। हालांकि, मामले की जांच कर रही SIT टीम और पुलिस कुछ भी बोलने से परहेज कर रही है। शुक्रवार को पीड़िता का सदर अस्पताल में मेडिकल जांच के उपरांत शनिवार को किशनगंज न्यायालय में 164 का बयान दर्ज करवाया गया है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की महिला ने थानाध्यक्ष नीरज कुमार निराला पर स्थानीय डाकपोखर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मनोज यादव के सहयोग से आठ दिनों तक बंधक बनाकर यौन शोषण का आरोप लगाया है। पीड़िता ने बताया कि वह प्रेम विवाह बाद स्थानीय टेढ़ागाछ निवासी पति की तलाश में पुलिस से मदद लेने टेढ़ागाछ थाना पहुंची थी।
थानाध्यक्ष ने महिला के पति की तलाश के लिए डाकपोखर पंचायत मुखिया को बुलाया और पति की खोजने में समय लगने की बात कहकर थाना में रहने को कहा। इसके बाद आठ दिनों तक उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के साथ, खाना बनवाने, कपड़ा साफ करने, शरीर का मालिश कराने का काम उससे करवाया।
आठ दिनों के बाद मुखिया उसके पति को खोजकर लाया। फिर थानाध्यक्ष और मुखिया ने उसे दो लाख रुपये रंगदारी स्वरूप लिया। इसके बाद ट्रेन में बिठाकर महिला को उत्तर प्रदेश भेज दिया और दोबारा ससुराल वापस आने और शारीरिक शोषण की बात किसी को बताने पर जाने से मारने की धमकी भी दी।
मामले में पीड़िता की शिकायत पर एसपी डा. इमानुल हक मेंगनू ने वरीय पुलिस पदाधिकारी से मामले की जांच कराई। महिला के आरोप सत्य पाए जाने पर 23 मई को आरोपित थानाध्यक्ष और मुखिया के खिलाफ टेढ़ागाछ थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। मामले का खुलासा होते ही दारोगा और मुखिया प्रतिनिधि फरार हो गए। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ठाकुरगंज सर्किल इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था। वहीं, आरोपित के काफी करीबी शहर के खगड़ा के रहने वाले एक व्यक्ति की भी पुलिस को तलाश है। खगड़ा का रहने वाला व्यक्ति फरार थानाध्यक्ष का निजी चालक और मुंशी था।
बताया गया कि आरोपित थानाध्यक्ष अपने सफेद रंग के निजी कार से ही फरार हुए थे। पुलिस अब तक थानाध्यक्ष और मुखिया प्रतिनिधि तक नहीं पहुंच सकी है। दोनों की गिरफ्तारी के लिए पिछले दो दिनों से छापेमारी की जा रही है। पुलिस कार की भी खोजबीन कर रही है। एसपी ने बताया कि पीड़िता को बंधक बनाकर ऐसी घटना को अंजान देना जघन्य अपराध है।
इधर, घटना के बाद टेढ़ागाछ थाने में हर किसी के चेहरे में खामोशी है। मामले दर्ज किए जाने के चौथे दिन शनिवार को कोई भी कुछ बोलने से परहेज कर रहा है।
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