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बिहार में अब स्वास्थ्य विभाग भी सख्त, लापरवाही के चलते इस जिले में 3 डॉक्टरों का रोका वेतन; मांगा स्पष्टीकरण

Bihar News बिहार में अब स्वास्थ्य विभाग भी सख्त हो गया है। लापरवाही को लेकर तीन डॉक्टरों की सैलरी पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा उनसे जवाब भी मांगा गया है। वहीं तीन जीएनएम से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्हें हर हाल में 24 घंटे के भीतर जवाब देना है। जवाब नहीं देने पर आगे की कार्रवाई होगी।

By Suman Kumar Suman Edited By: Mukul Kumar Updated: Wed, 22 May 2024 12:38 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
संवाद सहयोगी, लखीसराय। मातृ-शिशु मृत्यु पर रोक लगाने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत प्रत्येक माह की नौ एवं 21 तारीख को सरकारी अस्पतालों में गर्भवतियों की विभिन्न प्रकार की जांच की जाती है।

मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ. बीपी सिन्हा ने सदर अस्पताल में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का निरीक्षण किया। इस दौरान स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रेखा कुमारी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिलाषा रानी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रूपा, जीएनएम अन्नू कुमारी, गुड़िया कुमारी एवं आशा कुमारी ड्यूटी से अनुपस्थित पाई गई।

सिविल सर्जन के निर्देश पर हुई कार्रवाई

सिविल सर्जन के निर्देश पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. राकेश कुमार ने डॉ. रेखा कुमारी, डॉ. अभिलाषा रानी, डॉ. रूपा, जीएनएम अन्नू कुमारी, गुड़िया कुमारी एवं आशा कुमारी से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही मंगलवार के वेतन को रोक कर दिया है।

इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत प्रसव पूर्व जांच के दौरान उनलोगों के ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के कारण अस्पताल प्रशासन को मरीजों का कोपभाजन बनना पड़ा। यह मनमानी एवं लापरवाही है।

ओपीडी से गायब रहने वाले चिकित्सकों पर होगी कार्रवाई : सीएस

इसके अलावा, मधेपुरा में भी सदर अस्पताल परिसर स्थित जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय में मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश ठाकुर की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की गई। बैठक में विभिन्न कार्य योजनाओं पर गंभीरता पूर्वक विचार विमर्श किया गया।

सिविल सर्जन ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को नियमित टीकाकरण के तहत जीरो डोज से वंचित बच्चों को चिन्हित कर टीका लगवाने का निर्देश दिया। साथ ही उपस्थित सदर अस्पताल उपाधीक्षक व सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि सभी पदस्थापित चिकित्सक नियमित रूप से अपने अपने अस्पताल के ओपीडी में ड्यूटी पर उपस्थिति रहना चाहिए।

नियमित रूप से ओपीडी में उपस्थित नहीं रहने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई होगी। गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व होने वाली जांच के अनुपात में अस्पतालों में प्रसव कम हो रहा है। उन्होंने संस्थागत प्रसव की संख्या को बढ़ाने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि जिन गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच अस्पताल में होती है उन सभी का प्रसव हरहाल में अस्पताल में होनी चाहिए।

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