Bihar News: बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की टेंशन, धान को हो रहा भारी नुकसान, जंगली जानवर से भी हो रहे त्रस्त
Bihar News बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दाब के कारण नया चक्रवाती तूफान मिचांग से दो दिनों से चानन प्रखंड का मौसम बेइमान हो रहा है। असमय बूंदाबांदी ने किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। चानन प्रखंड क्षेत्र में धान की फसल पक कर तैयार है। अधिकांश जगह कटाई भी शुरू हो चुकी है। अधिकांश खेतों में कटे हुए धान के पौधे पड़े हुए हैं।
संवाद सूत्र, चानन (लखीसराय)। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दाब के कारण नया चक्रवाती तूफान ''मिचांग'' से दो दिनों से चानन प्रखंड का मौसम बेइमान हो रहा है। असमय बूंदाबांदी ने किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। चानन प्रखंड क्षेत्र में धान की फसल पक कर तैयार है।
अधिकांश जगह कटाई भी शुरू हो चुकी है। अधिकांश खेतों में कटे हुए धान के पौधे पड़े हुए हैं। ऐसी स्थिति में एकाएक मौसम बिगड़ने से क्षेत्र के किसान काफी परेशान हैं। क्षेत्र में हल्की हवा के कारण खेतों में धान के पौधे गिर गए हैं। इससे किसान चिंतित हैं। किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं बूंदाबांदी की फुहार तेज हुई तो उनकी तीन-चार महीने की मेहनत पर पानी न फिर जाएगा।
हालांकि, किसान कटी हुई फसल को किसी भी तरह वर्षा से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। विदित हो कि क्षेत्र के किसान जंगली जानवरों के प्रकोप से पहले से ही त्रस्त हैं।
खेत में खड़ी धान की फसल को कई जगह जंगली सुअर, नीलगाय आदि रौंदकर नुकसान पहुंचा चुके हैं। अब फसल कटने के समय इंद्रदेव के प्रकोप का सामना किसानों को करना पड़ रहा है। किसानों के लिए चिता का सबब यह भी है कि इस बार राज्य में फसल बीमा योजना लागू नहीं हुई है। इसके चलते बीमा का लाभ भी उन्हें नहीं मिलने वाला है।
बारिश से किसानों को नुकसान
प्रखंड कृषि पदाधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि इस वर्षा से किसानों को निश्चित तौर पर नुकसान ही होगा। हालांकि थोड़ी राहत वाली बात यह है कि इस बार अनेक किसान मशीन से फसल कटवा रहे हैं जिससे उनकी फसल एक ही दिन में कटकर घर पहुंच जा रही लेकिन जिन किसानों की फसल हाथ से काटने के बाद खेतों में पड़ी है उन्हें काफी क्षति होगी।
फसल बीमा के बाबत उन्होंने कहा कि इस बार पूरे राज्य में कहीं भी बीमा नहीं हुआ है। जिन किसानों ने केसीसी का कराया है, उन्हें केसीसी के प्रावधानों के तहत बीमा का लाभ मिल सकता है। अभी धान की कटाई शुरू ही हुई थी कि मौसम खराब हो गया। इससे पकी हुई फसल को काफी क्षति हो रही है।
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