Lakhisarai News: डीएम साहब! आप भी जानिए सदर अस्पताल का हाल, मरीज हो रहे बेहाल
लखीसराय सदर अस्पताल में हालात बेहद खराब हैं। जिले के सबसे बड़े अस्पताल में तैनात काफी डॉक्टर रोज ड्यूटी पर आते ही नहीं हैं। गुरुवार को सदर अस्पताल में रोस्टर के मुताबिक 14 चिकित्सकों की ड्यूटी लगी थी जिसमें से मात्र चार चिकित्सक ही ड्यूटी पर मौजूद थे। एक डॉक्टर ऑपरेशन में व्यस्त थे और तीन डॉक्टर सैकड़ों मरीजों का इलाज कर रहे थे।
By Suman Kumar SumanEdited By: Rajat MouryaUpdated: Thu, 12 Oct 2023 08:00 PM (IST)
संवाद सहयोगी, लखीसराय। Lakhisarai Sadar Hospital डीएम साहब! आप भी जानिए सदर अस्पताल का हाल। यहां कुछ भी बढ़िया नहीं चल रहा है। अस्पताल प्रबंधन की मिलीभगत, गलत रोस्टर ड्यूटी और विभागीय अधिकारी के कमजोर नेतृत्व का खामियाजा आम गरीब लोग भुगत रहे हैं। राज्य में राजग से महागठबंधन की सरकार बनी, विभागीय मंत्री बदले। लेकिन यहां की समस्या और बढ़ती जा रही है।
जिले के सबसे बड़े अस्पताल की दशा सुधारने में विभाग ने एक तरह से हाथ खड़ा कर रखा है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक और सिविल सर्जन एक दूसरे को सिर्फ अपनी जिम्मेदारियों को एहसास कराने में लगे हैं। जबकि मरीज रोज बेहाल हो रहे हैं। वहीं, पदस्थापित चिकित्सक सरकारी वेतन लेते हुए अपने निजी क्लीनिक में ड्यूटी कर रहे हैं।
गुरुवार को सदर अस्पताल में रोस्टर के मुताबिक 14 चिकित्सकों की ड्यूटी लगी थी, जिसमें से मात्र चार चिकित्सक ही ड्यूटी पर मौजूद थे।
1 चिकित्सक ऑपरेशन में था व्यस्त, तीन के सहारे 711 मरीजों का हुआ इलाज
जेनरल ओपीडी में डा. भावना, डा. राज अभय, डा. शाहिद वसीम, डा. विनय कुमार एवं डा. अवधेश कुमार की ड्यूटी लगी थी। लेकिन, एकमात्र डा. भावना ही ड्यूटी पर मौजूद रहकर मरीजों का इलाज कर रही थीं। महिला ओपीडी में रोस्टर के मुताबिक डा. रूपा मौजूद रहकर महिला मरीजों का इलाज कर रही थीं। इमरजेंसी के डा. रोशेक कुमार आपरेशन थिएटर में महिलाओं का बंध्याकरण करने में व्यस्त थे। जबकि जेनरल सर्जरी में डा. हिमांशु ड्यूटी पर मौजूद रहकर इमरजेंसी एवं ओपीडी के मरीजों का इलाज कर रहे थे।
गुरुवार को सदर अस्पताल में इलाज कराने के लिए 711 मरीजों ने निबंधन कराया। तीन चिकित्सकों के सहारे ही इन मरीजों का इलाज किया गया। सदर अस्पताल में चिकित्सक के अभाव में मरीजों को इलाज कराने के लिए घंटों पंक्ति में खड़ा रहना पड़ा। बुखार से पीड़ित कई मरीज खड़ा नहीं रह पाने के कारण पंक्ति में ही बैठ गए।
सामान्य चिकित्सक करते हैं ऑपरेशन
सदर अस्पताल में तीन सर्जन पदस्थापित हैं। इसके अलावा दो स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं दो महिला चिकित्सक पदस्थापित हैं। इसके बावजूद सामान्य चिकित्सक के रूप में सदर अस्पताल में पदस्थापित डा. रोशेक कुमार से महिलाओं का बंध्याकरण करवाया जा रहा था। जबकि सर्जन डा. हिमांशु कुमार ओपीडी एवं इमरजेंसी के मरीजों का इलाज कर रहे थे।
आश्चर्य यह है कि इस संबंध में रोज-रोज पूछे जाने पर भी अबतक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जाने के सवाल पर सिविल सर्जन ने चुप्पी साध ली।
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