'मैं भी हिंदू हूं लेकिन...', ललन सिंह का दावा; बिहार दिखाएगा मोदी और भाजपा को बाहर का रास्ता
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आगामी चुनाव को लेकर बड़ा दावा किया है। कहा कि भाजपा और मोदी की विदाई का रास्ता बिहार दिखाएगा और इसके लिए यहां की जनता ने मन बन लिया है। उन्होंने कहा कि धर्म की राजनीति से काम नहीं चलेगा। मैं भी हिंदू हूं और धर्म के प्रति मेरी आस्था भी गहरी है लेकिन भाजपा वालों की तरह इसे प्रदर्शित नहीं करता।
जागरण संवाददाता, लखीसराय। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र मुंगेर के लखीसराय पहुंचे सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि धर्म और आस्था प्रदर्शन की वस्तु नहीं। मैं भी हिंदू हूं और धर्म के प्रति मेरी आस्था भी गहरी है, लेकिन भाजपा वालों की तरह इसे प्रदर्शित नहीं करता।
धर्म और धार्मिक स्थल प्रचार के केंद्र नहीं हैं। देशभर में लोगों को इसके माध्यम से मुद्दों से भटकाया जा रहा है। मीडिया को आगे करके प्रायोजित खबरों के माध्यम से भ्रम फैलाया जा रहा है। बिहार सरकार के गिरने से लेकर जदयू में टूट तक की भविष्यवाणी की जाने लगी जो सच से परे है।
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार मजबूत है और आगे लोकसभा का चुनाव भी पूरी एकजुटता के साथ एआइएनडीआए के मंच से लड़ा जाएगा। भाजपा और मोदी की विदाई का रास्ता बिहार दिखाएगा और इसके लिए यहां की जनता ने मन बन लिया है।
धार्मिक भावना से खेलकर सत्ता नहीं होगी हासिल : ललन
ललन सिंह रविवार को यहां जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। अलग-अलग चार गांवों में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वे भाजपा पर हमलावर रहे। कहा कि धार्मिक भावना से खेलकर भी भाजपा और नरेन्द्र मोदी को अब सत्ता हासिल होने वाला नहीं है। नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार से उनके विरुद्ध शंखनाद हो चुका है।
हिंदी पट्टी राज्यों बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तरप्रदेश ही उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए काफी है। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। जितनी सीटें अभी भाजपा को हैं उससे बेदखल करने के लिए बिहार और बंगाल ही काफी है। सत्ता से बेदखल होकर वे हिमालय की तड़ाई में कीर्तन करेंगे।
चूंकि महंगाई, बेरोजगारी से नहीं बल्कि धर्म और धार्मिक प्रचार से इन्हें मतलब है। 2014 के लोकसभा चुनाव में हर वर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा, काला धन वापस लाने का वादा, प्रत्येक के खाते में 15-15 हजार रुपये देने का वादा कहां गया। 10 वर्षों के शासन में 20 करोड़ लोगों को नौकरी और रोजगार मिलना चाहिए था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।