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निजी क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर ध्यान दें, इस नए नियम का करना होगा पालन; स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया फरमान

Bihar News निजी क्लिनिक अगर खोलने जा रहे हैं या पहले से चला रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है। इस नए नियम का पालन करना जरूरी है नहीं करने पर कार्रवाई तय है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नया फरमान जारी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के नए फैसले से मरीजों को बड़ी राहत मिलने की संभावना है।

By Suman Kumar Suman Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 26 May 2024 11:30 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
संवाद सहयोगी, लखीसराय। जिले में कुकुरमुत्ते की तरह दर्जनों अवैध निजी क्लीनिक संचालित हो रहा है। अधिकांश निजी क्लीनिक में न तो चिकित्सक है और न ही प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी ही। ऐसे निजी क्लीनिक में मरीजों का आर्थिक दोहन के साथ-साथ जान के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है।

स्वास्थ्य विभाग ने निजी क्लीनिक पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। अब निजी क्लीनिक में फार्मासिस्ट द्वारा ही मरीजों को दवा दी जानी है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सभी निजी क्लीनिक में फार्मासिस्ट का रहना जरूरी कर दिया है। वर्तमान समय में जिले में छह निजी क्लीनिक का औपबंधित निबंधन है।

शेष सभी निजी क्लीनिक अवैध रूप से संचालित हो रहा है। सिविल सर्जन ने संबंधित सभी औपबंधित निबंधित निजी क्लीनिक सहित 14 निजी क्लीनिक में फार्मासिस्ट नहीं रहने से संबंधित रिपोर्ट विभाग को भेजी है।

ये हैं अस्पताल

इसमें अशोकधाम जेनरल एवं सर्जिकल अस्पताल, पुरानी बाजार, नयन ज्योति आई अस्पताल बाजार समिति, ममता इमरजेंसी हास्पिटल विद्यापीठ चौक, निधि सेवा सदन सूर्यगढ़ा, श्री राधे अस्पताल लखीसराय, मां जगदंबा सेवा सदन बाजार समिति, ग्लोबल इमरजेंसी हॉस्पिटल बाइपास रोड, आदि शामिल हैं।

सिविल सर्जन डॉ. बीपी सिन्हा ने बताया कि फार्मासिस्ट द्वारा ही निजी क्लीनिक में मरीजों को दवा दी जानी है। विभाग द्वारा बिना फार्मासिस्ट के संचालित निजी क्लीनिक की सूची मांगी गई है। विभागीय निर्देश के आलोक में बिना फार्मासिस्ट के संचालित निजी क्लीनिक पर कार्रवाई की जाएगी।

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