Bihar Politics मुंगेर संसदीय क्षेत्र में चौथे चरण में आगामी 13 मई को मतदान होना है। यहां मुख्य मुकाबला वर्तमान सांसद सह राजग के जदयू प्रत्याशी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं आइएनडीआइए के राजद की कुमारी अनिता के बीच है। ललन सिंह भूमिहार जाति के हैं और बिहार के कद्दावर नेता माने जाते हैं।
मृत्युंजय मिश्रा, लखीसराय। Bihar Election 2024: मुंगेर संसदीय क्षेत्र में चौथे चरण में आगामी 13 मई को मतदान होना है। यहां मुख्य मुकाबला वर्तमान सांसद सह राजग के जदयू प्रत्याशी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं आइएनडीआइए के राजद की कुमारी अनिता के बीच है। ललन सिंह भूमिहार जाति के हैं और बिहार के कद्दावर नेता हैं। कुमारी अनिता गैर राजनीतिक चेहरा है। खुद धानुक जाति की हैं और इनके पति अशोक महतो (Ashok Mahto) कुर्मी हैं।
चुनाव लड़ने के लिए ही अशोक महतो ने दिल्ली रेलवे में कार्यरत मुख्य फार्मासिस्ट कुमारी अनिता से शादी की है। राजद एक बार फिर धानुक जाति की प्रत्याशी देकर अपनी खोई जमीन तलाशने का प्रयास कर रहा है। दावा है कि लवकुश (कुर्मी, धानुक और कोयरी) के अलावा यादव और मुसलमान का वोट लेकर पुनर्वापसी की जा सकती है।
राजग प्रत्याशी ललन सिंह अपने कार्यकाल में किए विकास कार्य, नीतीश कुमार का सुशासन और नरेंद्र मोदी के सशक्त भारत निर्माण के बल पर सभी वर्ग का वोट प्राप्त होने का दावा कर रहे हैं।
साथ ही इन्हें जदयू के परंपरागत लवकुश, अति पिछड़ा और भाजपा कैडर के अलावा सवर्ण मतदाताओं के वोट पर यकीन है। ललन सिंह का बड़ा और भरोसेमंद चेहरा भी सभी वर्ग के मतदाताओं की पसंद में शामिल है।
धानुक-कुर्मी के सहारे खोई जमीन तलाश रहा है राजद
राजद एक बार फिर धानुक-कुर्मी के सहारे अपनी खोई हुई जमीन की तलाश कर रहा है।
हालांकि, राजद का यह प्रयोग पहले भी दो-दो बार फेल हो चुका है। वर्ष 2014 में राजद ने पत्रकारिता से राजनीति में आने वाले प्रगति मेहता को मैदान में उतारा था जिन्हें एक लाख 82 हजार 971 वोटों से संतोष करना पड़ा था।
इससे पहले 2009 में धानुक जाति के बड़े नेता रामबदन राय को राजद ने टिकट दिया था। उन्हें एक लाख 84 हजार 956 वोट मिले थे। दोनों ही चुनाव में राजग प्रत्याशी की जीत हुई थी। 2014 में राजद ने प्रगति मेहता को टिकट देने के लिए रामबदन राय का टिकट काट दिया था।
उस चुनाव में रामबदन राय समाजवादी पार्टी की टिकट पर मैदान में कूदे थे और उन्हें मात्र 6,769 मतों से संतोष करना पड़ा था। जबकि रामबदन राय का ससुराल जमालपुर विधानसभा क्षेत्र के गांधीपुर (बरियारपुर) में है। धानुक जाति के बड़े नेता के रूप में उनका चेहरा उस समय था। वे जमालपुर रेलवे और आइटीसी यूनियन के नेता भी थे।
फिर भी मतदाताओं ने उन्हें नकार दिया था। राजद ने यहां अंतिम बार परिसीमन से पहले 2004 में जीत दर्ज की थी जब जयप्रकाश नारायण यादव ने जदयू के डा. मोनाजिर हसन को एक लाख पांच हजार 927 मतों के अंतर से पराजित किया था।
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यहां टूटती रही है जातीय गोलबंदी
Bihar News: मुंगेर (Munger Lok Sabha Seat) में जिस तरह से जातीय गोलबंदी के बल पर चुनाव में जीत दर्ज करने का दावा राजद की ओर से किया जा रहा है वह उतना भी आसान नहीं है। पूर्व का चुनाव परिणाम यह बताने के लिए काफी है कि सिर्फ जातीय समीकरण के बल पर संसद भवन नहीं पहुंचा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा का विकास माडल और अपराधमुक्त समाज निर्माण को लोग पसंद कर रहे हैं।
इसके अलावा लोकसभा अंतर्गत छह में से पांच विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजद की जातीय गोलबंदी को भेद रहे हैं। ऐसे में तेजी से पिछड़ा, अतिपिछड़ा एवं दलित वोटरों की गोलबंदी में बिखराव हो रहा है। केंद्र सरकार की मुफ्त अनाज योजना और आयुष्मान कार्ड तथा बिहार सरकार का सुशासन लोगों की जुबान पर है।
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वर्ष 2019 का चुनाव परिणाम
राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (राजग, जदयू) - 5,28,762
नीलम देवी (कांग्रेस) - 3,60,825
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वर्ष 2014 का चुनाव परिणाम
वीणा देवी (राजग, लोजपा) - 3,52,911,
राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (जदयू) - 2,43,827,
प्रगति मेहता (राजद) - 1,82,971,
रामबदन राय (समाजवादी पार्टी) - 6,769,
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वर्ष 2009 का चुनाव परिणाम
राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (राजग, जदयू) - 3,74,317,
रामबदन राय (राजद) - 1,84,956
रामलखन सिंह (कांग्रेस) - 27,929
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