क्या केके पाठक का खौफ खत्म? लखीसराय में मजाक बनी शिक्षा व्यवस्था, पढ़ाने की बजाए बाहर घूमते हैं शिक्षक
Bihar Education News कजरा शिक्षांचल अंतर्गत उत्क्रमित मवि बरियारपुर टोला कोड़ासी में शिक्षा व्यवस्था विभाग के निर्देश को ठेंगा दिखाते हुए शिक्षकों की मनमानी के अनुसार संचालित है। यहां के शिक्षकों को केके पाठक का भी खौफ नहीं है। दिन के करीब एक बजे एमडीएम की तैयारी शुरू ही की जा रही थी। दो शिक्षक उपस्थिति बनाकर विद्यालय से बाहर चले गए थे। इसकी जानकारी प्रधानाध्यापक को नहीं थी।
संसू, पीरी बाजार (लखीसराय)। विभाग के लाख प्रयास के बाद भी शिक्षा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। खासकर सुदूरवर्ती इलाकों में शिक्षा व्यवस्था मजाक बनकर रह गई है। शिक्षा विभाग के सख्त फरमान भी इन विद्यालयों पर बेअसर दिख रहा है।
इसका उदाहरण कजरा शिक्षांचल अंतर्गत उत्क्रमित मवि बरियारपुर टोला कोड़ासी है जहां की शिक्षा व्यवस्था विभाग के निर्देश को ठेंगा दिखाते हुए शिक्षकों की मनमानी के अनुसार संचालित है। शनिवार को जागरण की टीम जब उक्त विद्यालय पहुंची तो देखा विद्यालय में महज 12 बच्चे उपस्थित थे।
प्रधानाध्यापक उदय भानु बरामदे पर घूम रहे थे। दिन के करीब एक बजे एमडीएम की तैयारी शुरू ही की जा रही थी। प्रधानाध्यापक से स्कूल में कुल नामांकित छात्र की संख्या पूछने पर नामांकित छात्रों की संख्या 65 बताई गई।
जब उपस्थिति पंजी दिखाने को कहा गया तो दिन के 11:50 तक बच्चों की उपस्थिति नहीं बनाई गई थी। वहीं विद्यालय में पांच शिक्षकों के उपस्थित होने की बात बताई गई। लेकिन दो शिक्षक उपस्थिति बनाकर विद्यालय से बाहर चले गए थे। इसकी जानकारी प्रधानाध्यापक को नहीं थी।
सभी वर्ग के बच्चों को एक साथ दी जा रही थी शिक्षा
विद्यालय में कुल चार शिक्षक मौजूद रहने के बावजूद सभी बच्चों को एक वर्ग कक्ष में बैठाकर शिक्षिका अनुराधा पढ़ा रही थी। अब सवाल है कि अन्य शिक्षकों के विद्यालय में मौजूद रहने के बाद भी एक शिक्षक सम्मिलित रूप से कक्षा का संचालन कर रहे थे। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि उक्त विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसी होगी। शिक्षक शिक्षण कार्य में रूचि लेने के बजाय सिर्फ अपनी ड्यूटी की खानापूर्ति कर रहे हैं।एक दिन पूर्व दिखाई गई 61 बच्चों की उपस्थिति
एक दिन पूर्व विधायक के एमडीएम में 61 बच्चों की उपस्थिति दिखाई गई है। उसके अगले ही दिन सिर्फ 12 बच्चों को विद्यालय में उपस्थित पाया गया। दोपहर 11:50 तक बच्चों की उपस्थिति पंजी पर अंकित न होना, यह संकेत है कि एमडीएम में यहाँ फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। गलत तरीके से उपस्थिति बनाकर एमडीएम की राशि की लूट की जा रही है। इससे विभाग अंजान बनी हुई है।
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