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एक दिन की राहत के बाद फिर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में जुटा प्रशासन

उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र के मंजौरा गांव के नवटोलिया बस्ती में बसे लोगों के घरों को तोड़ने की प्रशासनिक कवायद जारी है। यहां पर करीब तीन दशक से लोग नया बस्ती का निर्माण कर घर बनाकर रह रहे थे।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 24 Aug 2022 07:45 PM (IST)
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एक दिन की राहत के बाद फिर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में जुटा प्रशासन

एक दिन की राहत के बाद फिर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में जुटा प्रशासन

संवाद सूत्र, उदाकिशुनगंज (मधेपुरा) : उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र के मंजौरा गांव के नवटोलिया बस्ती में बसे लोगों के घरों को तोड़ने की प्रशासनिक कवायद जारी है। यहां पर करीब तीन दशक से लोग नया बस्ती का निर्माण कर घर बनाकर रह रहे थे। जिसकी आबादी करीब चार सौ बताई जा रही है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद गांव से लोगों का घर हटना तय है। इस सिलसिले में सोमवार को प्रशासन ने नवटोलिया गांव पहुंच कर लोगों का घर हटाना शुरू किया। लोगों के घरों की संख्या अधिक होने के कारण एक दिन में घरों को खाली कराया जाना संभव नहीं हो पाया था। अलबत्ता दूसरे दिन यानी मंगलवार को भी घरों को हटाने की प्रशासनिक कार्रवाई करनी थी। यद्यपि प्रशासन ने बीच में लोगों को खुद से घर हटाने की मोहलत दी। उसके बाद बुधवार को प्रशासन गांव पहुंच कर फिर से घरों के तोड़ने की कवायद शुरू की। उदाकिशुनगंज के एसडीएम राजीव रंजन कुमार सिन्हा ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर लोगों को घर हटाने को कहा गया है। 29 अगस्त तक हाईकोर्ट में जबाव दाखिल करना है। लोग खुद से घर हटा भी रहें हैं। यदि लोग खुद से घर नहीं हटाएंगे तो प्रशासन बुल्डोजर चलाएगी। घर हटाने में लगे खर्च लोगों से वसूल की जाएगी। हालांकि प्रशासन ने कुछ हठधर्मिता अपनाने वाले लोगों के घरों को जेसीबी मशीन से तोड़वा कर जमींदोज कर दिया। कुछ जगहों पर प्रशासन को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। यद्यपि प्रशासन ऐसे लोगों से निपटने की पहले से तैयारी कर रखा था। प्रशासन के सख्ती के आगे विरोध जताने वालों की एक नहीं चली। फिर प्रशासन एक एक घर को बारी बारी से तोड़वाने के काम में लगे रहें। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस और पदाधिकारी जेसीबी मशीन के साथ पहुंचे हुए थे। कार्रवाई का नेतृत्व एसडीएम राजीव रंजन कुमार सिन्हा कर रहे थे। जहां एसडीपीओ सतीश कुमार, सर्किल इंस्पेक्टर सुरेश प्रसाद सिंह, उदाकिशुनगंज थानाध्यक्ष जयप्रकाश चौधरी, बीडीओ प्रभात केसरी के अलावा बिहारीगंज, आलमनगर, चौसा, पुरैनी थाना की पुलिस और इन प्रखंड क्षेत्र के बीडीओ और सीओ विभिन्न विभाग के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे। वहीं अधिकारी अतिक्रमण मुक्ति की कार्रवाई शुरू करते कि इससे पहले लोग खुद से घर हटाने की बात कहने लगे। लोग अधिकारी से यह भी कह रहे थे कि उन लोगों के जमीन का पर्चा है। अधतन जमीन का रसीद भी कटता रहा है। लोगों का कहना था कि बेघर की स्थिति में वे कहां जाएंगे। लेकिन प्रशासन ने लोगों की एक नहीं सुनी। अधिकारी हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए लोगों को घर हटाने का निर्देश देते रहे। तीन दशक से घर बनाकर रह रहे थे लोग : लोगों ने बताया कि वर्ष 1994 ई. से घर बनाकर रह रहे हैं। यह बिहार सरकार की जमीन थी। जिसका उन लोगों के पास पर्चा प्राप्त हैं। जिसमें घर बनाकर रह रहे थे। कुछ लोगों ने बताया कि उसने जमीन खरीद कर घर बनाया। इस कार्रवाई की जद में कई प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित भवन भी आया। वहीं बताया जा रहा है कि जिस जमीन में लोग घर बनाकर रह रहे हैं, वह किसी व्यक्ति की निजी जमीन है। लोगों ने जबरन जमीन कब्जा लिया। मालूम हो कि जमीन मालिक मंजौरा गांव निवासी उपेंद्र सिंह ने पटना हाईकोर्ट में सीडब्लूजेसी संख्या 598 वर्ष 2018 मामला दायर कराया था। जिसमें कतिपय लोगों द्वारा जमीन कब्जाने की बात कही गई थी। हाईकोर्ट के आदेश पर घर हटाने को सक्रिय हुआ प्रशासन अभी हाल के दिनों में हाईकोर्ट का फैसला आया है। जिसमें उक्त जमीन पर से लोगों के घर हटाने का आदेश जारी किया गया है। आदेश मधेपुरा के जिलाधिकारी को दिया गया है। जहां अनुमंडल पदाधिकारी राजीव रंजन कुमार सिन्हा और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश कुमार ने 17 अगस्त 2022 को संयुक्त आदेश जारी किया।

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