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Madhepura News: ये क्या हो रहा बिहार में? स्कूल में पड़े है बेंच-डेक्स, बच्चे बरामदा पर बैठकर दे रहे परीक्षा

Madhepura News बिहार के सरकारी विद्यालयों में पहली से आठवीं कक्षा की अर्द्ध वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा चल रही है लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। कई विद्यालयों में छात्र जमीन पर बैठकर परीक्षा दे रहे हैं बेंच-डेक्स उपलब्ध होने के बावजूद उत्क्रमित मध्य विधालय परमानंदपुर में वर्ग कक्ष की कमी और शौचालय निर्माण में भी धांधली की समस्याएं हैं।

By Shailesh Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Tue, 24 Sep 2024 04:16 PM (IST)
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मधेपुरा में फर्श पर बैठकर परीक्षा देते छात्र (जागरण)

संवाद सूत्र, बिहारीगंज (मधेपुरा)। Madhepura News: बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर सभी सरकारी विद्यालयों में पहली से आठवीं कक्षा की अर्द्ध वार्षिक मूल्यांकन चल रहा है। इस परीक्षा को लेकर नजदीकी विद्यालय के शिक्षकों को वीक्षक बनाया गया है। इसके बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है।

जो शिक्षा विभाग के व्यवस्था को तार-तार कर रहा है। सवाल उठता हैं कि इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी या संबंधित विद्यालय के प्रभारी एचएम व शिक्षकों में आखिर कौन दोषी है। इसपर लोगों द्वारा तरह-तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग के पूर्व अपर मुख्य सचिव के के पाठक के कार्यकाल में विद्यालयों की व्यवस्था में सुधार देखा जा रहा था। इनके जा ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को विभाग का पैटर्न बदलने लगा है।

सभी स्कूल को दिया गया बेंच-डेस्क फिर फर्श पर परीक्षा क्यों?

शिक्षा विभाग द्वारा सभी विद्यालयों में छात्रों के अनुपात में बेंच- डेक्स उपलब्ध करा दिया गया है। इसके बावजूद कुछ विद्यालयों में बच्चे जमीन पर बैठकर परीक्षा दे रहे हैं। ऐसी ही स्थिति बिहारीगंज के उत्क्रमित मध्य विधालय परमानंदपुर का है। जहां वर्ग कक्ष के आलावा बरामदे पर बैठाकर बच्चों की परीक्षा ली जा रही हैं। जबकि एक चदरानुमा कमरे में दर्जनों बेंच डेक्स बेहतरीब ढंग से पड़ा हुआ है।

प्रभारी एचएम चित्तरंजन ठाकुर से पूछने पर बताया गया कि वर्ग कक्ष के अभाव में पांचवीं कक्षा के बच्चों को बरामदे पर बैठाकर परीक्षा ली जा रही है। विद्यालय में नामांकित बच्चों की कुल संख्या 598 है। जहां शत- प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति रहती है। इसके बावजूद विभागीय स्तर से वर्ग कक्ष की व्यवस्था नहीं की जा रही है। इस परिस्थिति में विभाग के नियमानुसार एक बेंच पर दो बच्चों को बैठाना भी समस्या बनी हुई है।

 विद्यालय में नहीं हो रहा है शिक्षा में सुधार 

उत्क्रमित मध्य विधालय परमानंदपुर की जांच की जिम्मेवारी बीपीआरओ चंदन कुमार को दी गई है। इसके अलावा समय समय पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों भी निरीक्षण करते हैं। इसके बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। शिक्षा व्यवस्था के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के दावे को धाराशाही कर रहा है।

उमवि परमानंदपुर में व्यवस्था के आभाव के कारण बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छह माह पूर्व सर्व शिक्षा अभियान से विद्यालय की भूमि पर शौचालय निर्माण कराया गया है। संवेदक की लाल फीताशाही रवैया के कारण शौचालय निर्माण में जमकर धांधली बरती गई है।

शौचालय चालू नहीं होने से बच्चों को परेशानी झेलनी पड़ती है। चाहरदीवारी के आभाव में बच्चों को खतरा की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा कई समस्या रहने की वजह से छात्र- छात्राओं परेशान हैं। उक्त समस्याओं का निदान के लिए जिला प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।

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