बिहार के मधेपुरा में महिलाओं को झांसे में लेकर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। मधेपुरा के लालपुर सरोपट्टी गांव में ठगी का शिकार हुई महिलाओं के नाम चार से पांच लोन लिए गए हैं। गीता देवी पर चार लोन दिखाया जा रहा है जबकि रंजू देवी के नाम से पांच लोन स्वीकृत है। अन्य महिलाओं के नाम से भी एक से अधिक लोन स्वीकृत हैं।
नीरज भारद्वाज, सिंहेश्वर (मधेपुरा)। लोन के नाम पर ठगी मामले में रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं। सिंहेश्वर थानाक्षेत्र के लालपुर सरोपट्टी गांव में ठगी का शिकार हुई एक-एक महिला के नाम चार से पांच लोन लिए गए हैं।
गीता देवी पर चार लोन दिखाया जा रहा है, जबकि रंजू देवी के नाम से पांच लोन स्वीकृत हैं।
इसी प्रकार रूबी देवी के नाम दो, नीलम देवी के नाम तीन लोन स्वीकृत हैं। अन्य महिलाओं के नाम से भी एक से अधिक लोन स्वीकृत हैं।
ये लोन 50 हजार से एक लाख रुपये तक के हैं, जबकि महिलाओं को मात्र दो हजार रुपये ही दिए गए, शेष राशि एजेंट ने निकाल ली।
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समें माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मी और ग्राहक सेवा केंद्र की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है।
महिलाओं के नाम लोन लेकर करीब एक करोड़ से अधिक राशि की ठगी हुई है। मामला उजागर होने के तीन दिन बाद भी केस दर्ज नहीं होना बड़ा सवाल है।
क्या कहते हैं थानाध्यक्ष?
थानाध्यक्ष का कहना है कि अब तक किसी ने आवेदन नहीं दिया है, जबकि महिलाओं का कहना है कि अधिवक्ता से मिलकर आवेदन बनाया जा रहा है। जल्द ही थाने में दिया जाएगा।
गांव की ही महिला एजेंट मीना सिंह व उसके पति बबलू सिंह ने इन महिलाओं के दस्तावेज अपने पास रख लिए और इनके नाम पर रुपये उठाकर भाग निकली। आठ माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लोन पास कराया गया है।
चूल्हे पर आई संकट, पति भी लगा रहे फटकार
ठगी का शिकार बनीं महिलाएं काफी परेशान हैं। कोई पति की फटकार से परेशान है तो कई लोन की राशि देखकर ही हैरान है। इस कारण चूल्हा जलाना भी मुश्किल हो रहा है। ठगे जाने का सबसे बड़ा कारण महिलाओं का शिक्षित नहीं होना है।
आठ माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से लिया है लोन
पंचायत में आठ अलग अलग माइक्रो फाइनेंस कंपनी ने लोन स्वीकृत कराया गया है। कुछ लोन की किस्त साप्ताहिक है तो कुछ की मासिक।
महिला एजेंट मीना देवी बड़ी चालाकी से गांव की महिलाओं को भ्रमित कर लोन का उठाव कर लेती थी। वह पासबुक भी अपने पास ही रखती थी।
इसका पता महिला एजेंट के भाग जाने के बाद हुआ। लोन लेने वाली महिलाएं पढ़ी लिखी नहीं है, जिसका उसने भरपूर फायदा उठाया गया।
इस मामले में अब तक आवेदन नहीं मिल पाया है। आवेदन मिलने के बाद ही वे इस मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई करेंगे।
- बीरेंद्र कुमार राम, थानाध्यक्ष, सिंहेश्वर
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