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Karva Chauth 2022 : बन रही ग्रहों की विशेष स्थिति, दूर होंगी वैवाहिक जीवन की तमाम अड़चनें, ऐसे करें पूजा

Karva Chauth 2022 - अखंड सौभाग्य मनोकामना का पर्व करवा चौथ 13 अक्टूबर को सुहागिन महिलाएं पूरी श्रद्धा के साथ करेंगी। इस बार का करवा चौथ व्रत ग्रहों की स्थिति को देखते हुए काफी खास माना जा रहा है। क्या कहते हैं सितारे पढ़ें...

By Dharmendra KumarEdited By: Shivam BajpaiUpdated: Wed, 12 Oct 2022 04:34 PM (IST)
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Karva Chauth 2022 : पूजन विधि के बारे में भी पढ़ें...

संवाद सूत्र, पुरैनी (मधेपुरा): पति की लंबी आयु एवं अखंड सौभाग्य मनोकामना के लिए महिलाएं आज गुरुवार को करवा चौथ व्रत का अनुष्ठान करेंगी। इसको लेकर खासकर सुहागिन महिलाओं के बीच काफी उमंग एवं उत्साह देखा जा रहा है। पंडितों की माने तो इस बार करवा चौथ पर ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है। इस बार करवा चौथ पर 13 साल बाद एक अद्भुत संयोग बन रहा है। करवा चौथ पर्व की पूर्व संध्या पर स्थानीय बाजार में काफी चहल-पहल देखी गई। कपड़ा, आभूषण सहित विभिन्न प्रकार के फल आदि की दुकानों में खरीदारों की काफी संख्या में भीड़ देखी गई।

ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ व्रत से पति की लंबी आयु सहित अखंड सौभाग्य की मनोकामना पूर्ण होती है। कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाए जाने वाले करवा चौथ पर्व के दौरान मैया गौरी,भगवान गणेश सहित भगवान कार्तिक की पूजा-अर्चना की जाती है। करवा चौथ व्रत एवं पूजा-अर्चना के दौरान पवित्रता का खासा ध्यान रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखने का संकल्प लेकर पूजा के दौरान भगवान गणेश एवं भगवान कार्तिक को पीले फूलों की माला, लड्डू, केला सहित विभिन्न प्रकार के फल से भोग लगाने के उपरांत भगवान शिव-पार्वती को बेलपत्र एवं श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करती है। साथ ही पूजा-अर्चना के दौरान मनमोहक सुगंध वाली अगरबत्ती एवं घी का दीपक जलाना चाहिए। पूजा-अर्चना बाद घर के बड़े-बुजुर्गों का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना चाहिए। साथ ही व्रती द्वारा पति को प्रसाद देकर भोजन कराकर खुद भोजन करना चाहिए।

व्रत के दौरान ऐसे करें पूजा-अर्चना

करवा चौथ व्रत के दौरान चंद्रमा के दर्शन के लिए दीपक, सिंदूर, अक्षत, कुमकुम, रोली, फूल, चावल की बनी मिठाई या सफेद मिठाई से थाली को सजाएं। साथ ही संपूर्ण श्रंगार कर करवे में जल भरकर मां गौरी, गणेश, कार्तिक की पूजा कर करवा चौथ व्रत की कथा सुनें। तत्पश्चात चंद्रमा के निकलने पर चलनी या जल में चंद्रमा को देखकर दूध,जल और गुलाब जल मिलाकर अर्घ्य प्रदान करें।

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