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'KK Pathak लाइमलाइट में आने के लिए दे रहे तुगलकी फरमान', शिक्षा विभाग के अटपटे आदेशों पर भड़के इंटक नेता

राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के मधेपुरा जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा कि केके पाठक के द्वारा लगातार शिक्षा विभाग में सुधार को लेकर अटपटे निर्णय लिए जा रहे। अपने निर्णयों से लगातार मीडिया की सुखियां बटोरने में वे लगे हुए हैं लेकिन चुनाव को लेकर उन्हें उतनी तरजीह नहीं मिलने के कारण पहले गर्मी की छुट्टी रद्द करके मीडिया में छाने की कोशिश कर रहे है।

By Vishal Bharti Edited By: Mohit Tripathi Published: Thu, 16 May 2024 07:22 PM (IST)Updated: Thu, 16 May 2024 07:22 PM (IST)
केके पाठक लाइमलाइट में आने के लिए दे रहे तुगलकी फरमान: इंटक। (फाइल फोटो)

संवाद सूत्र, मधेपुरा। बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के द्वारा लगातार शिक्षा विभाग में सुधार को लेकर अटपटे निर्णय लिए जा रहे हैं। इसे लेकर पहले ही शिक्षक त्रस्त हो चुके हैं। अपने निर्णयों से लगातार मीडिया की सुखियां बटोरने में वे लगे हुए हैं, लेकिन चुनाव को लेकर उन्हें उतनी तरजीह नहीं मिलने के कारण पहले गर्मी की छुट्टी रद्द और उसके तुरंत बाद स्कूल के टाइमिंग को ले मीडिया में छाने की कोशिश कर रहे है।

उक्त बातें राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही। उन्होंने कहा कि केके पाठक को मीडिया लाइमलाइट की आदत हो गई। इसे लेकर वे लगातार अटपटे निर्णय लेकर शिक्षकों को परेशान करने में लगे हैं।

संजय कुमार सिंह ने कहा कि गर्मी की छुट्टी में प्रत्येक दिन शिक्षक एवं बच्चों को स्कूल आने के लिए बाध्य किया जाना सबसे खराब निर्णय में से एक है।

केके पाठक के आदेशों को बताया तुगलगी फरमान

उन्होंने कहा कि सप्ताह में एक दिन छुट्टी दी जाती है, ताकि मस्तिष्क को आराम मिल सके। इसी कॉन्सेप्ट  को गर्मी और लंबी छुट्टियों में भी अप्लाई किया जाता है।

इससे छात्र एवं शिक्षक दोनों फ्रेश होकर शिक्षण कार्य में लौटते हैं। जो उन्हें बेहतर होने में मदद करता है, लेकिन केके पाठक के द्वारा तानाशाही एवं तुगलकी फरमान के द्वारा गर्मी की पूरी छुट्टी को खराब कर दिया गया।

लाइमलाइट में आने के लिए दे रहे ऐसे निर्देश

सिंह ने कहा कि गर्मी छुट्टी के दौरान ही देश में चल रहे लोकसभा चुनाव के कारण केके पाठक को मीडिया में काफी कम जगह मिल रहा है।

इसे लेकर पुन: लाइमलाइट में आने को ले स्कूल को सुबह छह बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक कर दिया गया है, ताकि इस प्रकार के स्कूल टाइमिंग से विवाद हो व उसका नाम मीडिया की सुर्खियां बटोरे।

महिला शिक्षकों की सुरक्षा संकट में डालने का लगाया आरोप

इंटक नेता ने कहा कि महज लाइमलाइट में आने के लिए केके पाठक ने लाखों महिला शिक्षिका की सुरक्षा को संकट में डाल दिया गया है।

सुबह छह बजे तक स्कूल पहुंचने को लेकर महिलाओं को अपने बच्चों को स्कूल भेजने व उसे तैयार करने के साथ खुद को भी तैयार करके स्कूल में आने को लेकर प्रत्येक दिन मशक्कत करनी पड़ेगी।

वहीं उतने सुबह स्कूल आने को ले महिला शिक्षिका की सुरक्षा भी संदेह के घेरे में है। इस प्रकार के निर्णय को शिक्षा विभाग को तुरंत वापस लेने की आवश्यकता है।

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