Madhepura News: मधेपुरा DM कार हादसे में नया खुलासा, बिना इश्योरेंस वाली सरकारी गाड़ी के लिए ये है नियम
Madhepura DM Car Accident मधेपुरा के डीएम की कार ने आज (मंगलवार) सुबह मधुबनी के फुलपरास थाना क्षेत्र में NH 57 पर एक महिला और उसकी बच्ची समेत चार लोगों को कुचल दिया। इसमें दोनों मां-बेटी की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि दुर्घटनाग्रस्त कार बिना इंश्योरेंस के चल रही थी। ऐसे में यहां जानते हैं कि सरकारी वाहनों के लिए क्या नियम है?
By Jagran NewsEdited By: Sanjeev KumarUpdated: Tue, 21 Nov 2023 07:20 PM (IST)
डिजिटल डेस्क, मधेपुरा। मधेपुरा के डीएम विजय प्रकाश मीणा की कार चला रहे ड्राइवर ने मंगलवार सुबह मधुबनी के फुलपरास में चार लोगों को बुरी तरह से कुचल दिया। इस हादसे में एक मां और उसकी सात साल की छोटी बच्ची की मौत हो गई। वहीं, दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। डीएम की कार से कई बैग बरामद हुए हैं।
डीएम की गाड़ी का इंश्योरेंस चार साल से फेल
इधर, डीएम की जिस गाड़ी से यह हादसा हुआ है, उसे लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई, जिसे जानकर कोई भी हैरान हो जाए। दरअसल, मधेपुरा डीएम की गाड़ी का नंबर BR43E 0005 ऑनलाइन माध्यम से चेक करने पर पता चला कि उसका इश्योरेंस फेल हो चुका है। यह इंश्योरेंस एक दो साल नहीं बल्कि चार साल से फेल बताया जा रहा है।
मामले से जुड़े एक अधिकारी की मानें तो दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी में डीएम सवार नहीं थे। बताया जा रहा है कि डीएम का इनोवा गाड़ी का इंश्यारेंस 23 दिसंबर 2019 तक ही वैध है। जबकि 24 सितंबर 2021 के बाद प्रदूषण प्रमाणपत्र भी नहीं बना है।
प्रशासन ने हादसे के बारे में दी जानकारी
जिला जनसंपर्क पदाधिकारी कुंदन कुमार सिंह ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन में डीएम सवार नहीं थे। वाहन सर्विसिंग के लिए गया हुआ था। आने के क्रम में दुर्घटना हुई है। उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण के दौरान एनएचएआइ के द्वारा बोर्ड नहीं लगाया गया था।
वहीं, कोहरा के कारण भी परेशानी हुई। इस कारण ही वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। एनएचएआइ ने कई नियमों का पालन नहीं किया है।
मधेपुरा के डीटीओ बोले- इंश्योरेंस की जानकारी नहीं
वहीं, इस संबंध में मधेपुरा के डीटीओ सत्येंद्र कुमार यादव ने बताया कि डीएम के वाहन का इंश्योरेंस फेल है। इसकी जानकारी नहीं है। वे अपने स्तर से जांच के बाद ही कुछ बता सकते हैं। उन्होंने कहा कि वैसे मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सरकारी वाहन में इंश्योरेंस की कोई आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे में संबंधित पीड़ितों को उचित कार्रवाई के बाद उसके अनुरूप ही बीमा संबंधी लाभ अथवा मुआवजा दिया जा सकेगा।
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