मधेपुरा रेल इंजन कारखाना के लिए 31 अगस्त को होगा टेंडर
मधेपुरा में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड विद्युत रेल इंजन कारखाना को प्राथमिकता देकर केंद्र सरकार 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट में इसे बिहार का मॉडल प्रोजेक्ट बनाना चाहती है। कारखाना से लेकर इंजन निर्माण का काम अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों में से कोई एक करेगी।
मधेपुरा। मधेपुरा में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड विद्युत रेल इंजन कारखाना को प्राथमिकता देकर केंद्र सरकार 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट में इसे बिहार का मॉडल प्रोजेक्ट बनाना चाहती है। कारखाना से लेकर इंजन निर्माण का काम अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों में से कोई एक करेगी। तकनीकी निविदा के लिए चार अंतरराष्ट्रीय कंपनियां सीमेन्स, बोम बार्डियर्स, जीई और आरस्ट्रांग चुनी गई हैं। 31 अगस्त को वित्तीय निविदा खुलनी है। उसके बाद अंतिम रूप से किसी कंपनी का चयन होगा।
वर्तमान में यह प्रोजेक्ट 13 सौ करोड़ रुपये का है। यहां प्रतिवर्ष 12 हजार अश्वशक्ति (हॉर्स पावर) के आठ सौ विद्युत रेल इंजन का निर्माण होगा। चार सौ देश की जरूरतें पूरी करेंगे, जबकि शेष विदेशों में बेचे जाएंगे।
कारखाने के लिए 965.42 एकड़ भूमि की दरकार है। भूमि-अधिग्रहण में मुआवजे को लेकर किसानों ने आपत्ति दर्ज कराई। उनकी मांग है कि मौजूदा बाजार मूल्य से चौगुना मुआवजा दिया जाए।
जिला भू-अर्जन शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार भूमि का अधिग्रहण रेलवे भू-अर्जन अधिनियम-2008 के तहत हुआ है। इसलिए उसी अधिनियम के तहत निर्धारित मुआवजा भी देय होगा। बहरहाल अधिग्रहित तीन सौ एकड़ भूमि के मालिकों को सूचना जारी कर कहा गया है कि अगर वे स्वेच्छा से जमीन खाली कर समर्पित करते हैं तो 60 फीसद प्रोत्साहन राशि अलग से देय होगी।
जिलाधिकारी अबरार अहमद कमर का कहना है कि भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही है। किसान और रेलवे एक-दूसरे की शर्तों को नहीं मानेंगे तो नियमानुसार आरबिट्रेटर नियुक्त किया जाएगा और उसका फैसला मान्य होगा।