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BPSC Teachers : बीपीएससी से बहाल इन शिक्षकों के अंक पत्रों की होगी जांच, डॉक्यूमेंट्स के साथ DEO ऑफिस पहुंचने का आदेश

BPSC Teachers मधेपुरा जिले के करीब साढ़े तीन सौ शिक्षकों के सीटीईटी में प्राप्त अंकों की जांच की जाएगी। इसे लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उक्त शिक्षकों की सूची जारी कर दी है। अंकपत्रों की जांच के लिए नौ और 10 जुलाई की तारीख निर्धारित की गई है। शिक्षकों को अपने साथ कई जरूरी प्रमाण पत्र लाने का भी निर्देश दिया गया है।

By Prashant Alok Edited By: Mohit Tripathi Updated: Mon, 08 Jul 2024 03:50 PM (IST)
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बीपीएससी से बहाल हुए शिक्षकों के अंक पत्र की होगी जांच। (सांकेतिक फोटो)

संवाद सूत्र, मधेपुरा। जिले में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 347 शिक्षकों के केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) में प्राप्त अंक की जांच की जाएगी। इसे लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्तर से बीपीएससी से बहाल हुए शिक्षकों की सूची जारी कर दी गई है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी मो. सईद अंसारी ने बताया कि बीपीएससी से बहाल शिक्षकों के केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्राप्त अंक पत्रों की जांच की जानी है। इसे लेकर नौ व 10 जुलाई की तिथि निर्धारित की गई है।

उन्होंने बताया कि 60 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाल चयनित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का जांच की जाएगी। अंक पत्र की जांच जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में सीटीईटी के अंक पत्र व प्रमाण पत्र, जाति, अवासीय, आधार व पेन कार्ड सहित मूल प्रति व एक प्रति सभी प्रमाण पत्रों का अभिप्रमाणित छाया प्रति के साथ उपस्थित होने के लिए के लिए कहा गया है।

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बीपीएससी से बहाल हुए शिक्षकों में बिहार से बाहर के चयनित हुए शिक्षकों का 60 प्रतिशत मार्क्स सीटीईटी में होना अनिवार्य है। 60 प्रतिशत से कम मार्क्स होने पर ऐसे चयनित शिक्षकों को चयनमुक्त करने की बात कही गई है।

बहाली में अनियमितता का आरोप

बीपीएसी शिक्षक बहाली के प्रथम चरण के 347 शिक्षकों को सीटीईटी में 60 से कम अंक रहने के बाद भी बहाल होने पर शिक्षक बहाली मोर्चा के सदस्य व शिक्षक अभ्यर्थी ब्रजेश कुमार नाराजगी जताया है। साथ ही सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह से शिक्षक के बहाली में विफल हो गई है।

उन्होंने कहा है कि अभी तक लगभग बिहार के विभिन्न जिले से 7000 शिक्षक अभ्यर्थियों का नियोजन पत्र रद किया जा चुका है।

अभी सिर्फ टीईटी सर्टिफिकेट जांच हो रही है तो यह हाल है, अगर उनके मैट्रिक से लेकर पीजी तक और बीएड और डीएलएड डिग्री व कक्षा छह से 12 तक जांच किया जाए तो यह आंकड़ा तीन से 35 हजार भी पहुंच सकता है।

ऐसे में सरकार को चाहिए कि लंबे समय से शिक्षक अभ्यर्थियों द्वारा सप्लीमेंट्री की जो मांग की जा रही है, उन्हें अतिशीघ्र सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी किया जाना चाहिए।

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