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Bihar: मधुबनी में डेढ़ दर्जन से अधिक जीविका दीदी कर रही हैं, मोटे अनाज की खेती; कुपोषण खत्म करने में मददगार

मधबनी में 18 जीविका दीदी मोटे अनाज की खेती कर रही हैं। मोटे अनाज को कुपोषण दूर करने के लिए कारगर माना जाता है। केंद्र सरकार की तरफ से श्री अन्न योजना की शुरुआत हुई।इसके शुरू करने की बड़ी वजह किसानों को मोटे अनाज के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन करना है। कहा जाता है कि पुराने समय में गांव के लोग मोटे अनाज को ही खाना ज्यादा पसंद करते थे।

By Vinod RaoEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Sat, 16 Sep 2023 02:04 PM (IST)
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कुपोषण खत्म करने में मोटे अनाज मददगार।फोटो जागरण

संवाद सूत्र, मधुबनी। देश में किसान ज्यादा से ज्यादा मोटे अनाज की खेती करें इसके लिए उनका प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से श्री अन्न योजना की शुरुआत की गई है। मोटे अनाज के बेहतर पैदावार के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पुराने समय में ग्रामीण मोटे अनाज को ही ज्यादा पसंद करते थे। क्योंकि मोटे अनाज से प्रतिरक्षा एवं स्वस्थ को बढ़ावा मिलता है।

कुपोषण को खत्म करने की क्षमता मोटे अनाज में होती है। बच्चे एवं किशोर में कुपोषण खत्म करने में मोटे अनाज का सेवन मददगार साबित होता है। इससे प्रेरित होकर मधुबनी प्रखंड की 18 जीविका दीदी मोटे अनाज की खेती शुरू की हैं।

10 से 15 हजार रूपये प्रति माह कमा रही जीविका दीदी

बता दें कि चुन्नी देवी, किरण देवी, मंजू देवी, लालती देवी, सुधा देवी और मेहरून नेशा, समेत 18 महिलाएं मोटे अनाज की खेती कर 10 से 15 हजार रुपये कमा रही हैं। इस काम में उनके पति भी उनका साथ दे रहे हैं।

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खोतहवा पंचायत के कोईरी टोला, तमकुहा पंचायत में, धनहा पंचायत के बंशी टोला, मधुबनी पंचायत के रंगललही सहित कई जगहों पर जीविका दीदी एवं किसान एक से दो कट्ठा जमीन में मड़ुआ, सावा, टागुन, कोदो, ज्वार, मकई ,मोटे अनाज की खेती किया है।

किसानों की मांग सरकार उच्च किस्म की बीज उपलब्ध कराए

किसान जितेन्द्र साह, मैनेजर राम, रबिन्द्र सिंह बताते हैं कि मोटे अनाज की खेती में लागत कम लगता है और फायदा अधिक होता है। इन किसानों ने बताया कि सरकार के द्वारा अगर अच्छी किस्म के बीज उपलब्ध कराए जाते हैं तो मोटे अनाज की खेती में किसानों को कोई परेशानी नहीं होगी।

जीविका दीदियों के साथ मोटे अनाज के संबंध में चर्चा की जाती है। प्रखंड स्तर के जीविका कार्यकर्ता जीविका दीदियों के खेतों में जाकर निरीक्षण करते हैं, उन्हें सुझाव देते हैं । 18 जीविका दीदी मोटे अनाज की खेती कर रही हैं। - नीतीश कुमार, बीपीएम, जीविका समूह

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